बीते साल लोकसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस की करारी शिकस्त के बाद से ही राहुल गॉंधी और सोनिया गॉंधी की टीम के बीच टकराव की खबरें लगातार आती रही हैं। सोनिया के पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद यह संघर्ष और तेज हो गया था। अब सोनिया की टीम के मेंबर राहुल गॉंधी के वीडियो पॉलिटिक्स से खफा बताए जा रहे हैं।
उनका कहना है कि पूर्व अध्यक्ष उन्हें बेकार समझा जाता है। दरअसल सोनिया टीम के मेंबर राहुल गाँधी के हालिया वीडियो ट्वीट से नाराज हैं।
बता दें कि राहुल गाँधी ने एक बार फिर से कहा है कि चीनी हमारे इलाके में घुस आए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह उन्हें परेशान करता है और खून खौल रहा है। राहुल गाँधी ने सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगते हुए कहा कि वह सच बोलते रहेंगे, भले ही इसकी वजह से उनका राजनीतिक करियर बर्बाद हो जाए।
सोमवार (जुलाई 27, 2020) को ट्वीटर पर एक वीडियो संदेश जारी करते हुए राहुल गाँधी ने यह बातें कहीं। इसमें उनसे सवाल किया जाता है कि उन लोगों के बारे में आपका क्या ख्याल है जो कहते हैं कि प्रधानमंत्री से चीन पर आपके सवाल, भारत को कमजोर कर रहे हैं?
राहुल गाँधी कहते हैं कि उनकी पहली प्राथमिकता यह देश और जनता है। राहुल ने कहा, ”यह बात एकदम साफ है कि चीनी हमारे इलाके में घुस आए हैं। यह बात मुझे परेशान करती है। इससे मेरा खून खौलने लगता है कि कैसे एक दूसरा देश हमारे इलाके में घुस आया?”
The Chinese have occupied Indian land.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 27, 2020
Hiding the truth and allowing them to take it is anti-national.
Bringing it to people’s attention is patriotic. pic.twitter.com/H37UZaFk1x
राहुल आगे कहते हैं, ”आप एक राजनीतिज्ञ के तौर पर चाहते हैं कि मैं चुप रहूँ और अपने लोगों से झूठ बोलूँ, जबकि मैं निश्चित रूप से जान गया हूँ, मैंने सैटेलाइट की तस्वीरें देखी हैं, मैंने पूर्व सैन्यकर्मियों से बात की है, अगर आप चाहते हैं कि मैं झूठ बोलूँ कि चीनी इस देश में नहीं घुसे हैं, मैं झूठ नहीं बोलने वाला। स्पष्ट कर दूँ मैं ऐसा नहीं करने वाला। मैं चिंता नहीं करता। चाहे मेरा करियर डूब जाए। लेकिन मैं झूठ नहीं बोल सकता।”
राहुल गाँधी ने सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा, ”मैं सोचता हूँ कि वे लोग जो चीनियों के हमारे देश में घुसने के बारे में झूठ बोल रहे हैं, वे ही लोग राष्ट्रवादी नहीं हैं। मेरे ख्याल में, जो लोग झूठ बोल रहे हैं और कह रहे हैं कि चीनी भारत में नहीं घुसे हैं। वे ऐसे लोग हैं, जो देशभक्त नहीं हैं।”
वीडियो के बाद राहुल गाँधी के इस ‘रुख’ को लेकर उनकी अपनी पार्टी के ही एक ग्रुप में सवाल उठने शुरू हो गए हैं। आलोचकों के इस ग्रुप के एक मेंबर ने NDTV से कहा, “वह हमसे बात नहीं करते हैं और हमें नहीं पता कि कौन उन्हें सलाह दे रहा है।” बताया जा रहा है कि यह सदस्य अपनी यह राय गाँधी परिवार और पार्टी के प्रति निष्ठा की वजह से सार्वजनिक तौर पर जाहिर नहीं कर सकते।
वहीं पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से पूछा गया कि क्या उन्होंने राहुल गाँधी को विदेश नीति के परिप्रेक्ष्य में मशविरा दिया है, तो इस पर चिदंबरम ने स्पष्ट रूप से जवाब दिया कि उन्होंने रक्षा या विदेश मंत्री के रूप में कार्य नहीं किया है। राहुल गाँधी कभी-कभी उनकी राय लेते हैं, लेकिन इन वीडियो के लिए नहीं।
बता दें कि इससे पहले भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने राहुल गाँधी के इस बयान को हास्यास्पद बताते हुए कहा था, ”उनका करियर बहुत पहले ही खत्म हो चुका है। 2019 में ही आपका राजनीतिक सनसेट (सूर्यास्त) हो गया है। आप केवल कॉन्ग्रेस पार्टी के भविष्य को खत्म करने का लक्ष्य लेकर आगे चल रहे हैं और इसके अलावा राहुल गाँधी को हम बहुत गंभीरता से नहीं लेने वाले हैं। देश की जनता राहुल गाँधी का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं देखती है।”
राव ने कहा कि राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस पार्टी हर बार भारतीय सेना का मनोबल गिराने के लिए सेना का अपमान करने का दुस्साहस करते हैं। उन्होंने कहा, ”फिर एक बार हमारे 20 जवानों ने भारत की सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपनी जान दे दी। इन कुर्बानियों का राहुल गाँधी बार-बार अपमान करने का साहस कर रहे हैं।”
इन परिस्थितियों के देखकर ऐसा लगता है कि पार्टी में वरिष्ठ बनाम युवा के बीच गतिरोध जारी है। बीते दिनों रजस्थान और उससे पहले मध्य प्रदेश की घटना ने सालों पुरानी पार्टी के अंदर वरिष्ठ बनाम युवा के बीच की लड़ाई सामने ला दी है। और अब राहुल गाँधी के रुख से ही सोनिया टीम के नेता नाराज हैं।