बीबीसी की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) को केंद्र सरकार ने बैन कर दिया है। इस बैन के बाद जहाँ एक ओर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में इस्लामी छात्र संगठनों ने स्क्रीनिंग इसकी की है, वहीं दूसरी ओर केरल में कॉन्ग्रेस और वामपंथी दलों ने भी स्क्रीनिंग करने का ऐलान किया है। इस बीच, जेएनयू में इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केरल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी (KPCC) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने कहा है कि गणतंत्र दिवस पर राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। इसको लेकर केपीसीसी के प्रवक्ता शिहाबुद्दीन ने कहा है, “डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाना संविधान के खिलाफ है। मोदी सरकार इस पर कैसे प्रतिबंध लगा सकती है? यह केंद्र के खिलाफ हमारा विरोध है।”
वहीं, केरल में सत्तारूढ़ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की छात्र इकाई डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) ने भी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने का ऐलान किया है। डीवाईएफआई मंगलवार (24 जनवरी 2023) को शाम 6 बजे बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करेगा।
इसके अलावा, बीबीसी की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संगठन (JNUSU) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इससे पहले, छात्र संगठन ने जेएनयू में मंगलवार (24 जनवरी 2023) को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की प्लानिंग की थी। यहाँ तक कि इसके पम्पलेट भी बाँटे गए थे।
इसके बाद, जेएनयू प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर स्क्रीनिंग कर रोक लगा दी थी। एडवाइजरी में कहा गया था कि इस तरह की गतिविधि से विश्वविद्यालय में शांति और सद्भाव भंग हो सकती है। लेकिन, इसके बाद भी स्क्रीनिंग को लेकर तैयारियाँ की जा रहीं थीं। इसलिए वकील और सामाजिक कार्यकर्ता विनीत जिंदल ने यह एफआईआर कराई है।
विनीत जिंदल ने कहा है कि इस डॉक्यूमेंट्री का मुख्य उद्देश्य देश में अशांति फैलाना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करना है। केंद्र सरकार द्वारा डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाने के बाद भी इसकी स्क्रीनिंग करके धार्मिक अलगाव और नफरत को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
इससे पहले, सोमवार (23 जनवरी, 2023) को हैदराबाद विश्वविद्यालय में स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन और मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन ने इसकी स्क्रीनिंग की है। इस स्क्रीनिंग में दोनों इस्लामिक छात्र संगठनों के 50 से अधिक छात्र मौजूद रहे। इसको लेकर छात्र संगठन एबीवीपी ने विरोध दर्ज कराते हुए यूनिवर्सिटी में शिकायत की है।
वहीं, केंद्र सरकार के बैन के बाद भी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को भाजपा ने देश विरोधी गतिविधि करार दिया है। भाजपा प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा है, “यह भारत को बाँटने का काम करने वाले देशद्रोहियों के तंत्र की करतूत है। यह सब सुप्रीम के फैसले के खिलाफ किया जा रहा है।”
#BREAKING
— TIMES NOW (@TimesNow) January 24, 2023
Kerala: Minority cell of the KPCC to screen the BBC documentary on PM Modi on the Republic Day
This is an act of the ecosystem of anti-nationals working to divide India. This is simply going against what the SC has ruled: @TomVadakkan2@Viveknarayantw | @anchoramitaw pic.twitter.com/JKpPatTUUx
दरअसल, इस डॉक्यूमेंट्री में BBC ने दंगों का दोष वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर डालने की कोशिश की है। यही नहीं, उनकी छवि इस्लाम विरोधी भी दिखाने की कोशिश की है। दो पार्ट में बनाई गई BBC की इस सीरीज में प्रधानमंत्री मोदी और भारत के मुस्लिमों के बीच तनाव की बात कही गई है। बीबीसी ने मोदी सरकार के देश के मुस्लिमों के प्रति रवैये, कथित विवादित नीतियाँ, कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और नागरिकता कानून को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।
BBC की डॉक्यूमेंट्री पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सरकार के आदेश के बाद ट्विटर और यूट्यूब से डॉक्यूमेंट्री से संबंधित लिंक हटाए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब वीडियो के लिंक वाले 50 से ज्यादा ट्वीट्स को ब्लॉक किया गया है। आईटी नियम, 2021 के तहत इमरजेंसी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सरकार ने यह कार्रवाई की है।