राहुल गॉंधी के इस्तीफे के बाद भले सोनिया गॉंधी ने बतौर अंतरिम अध्यक्ष कॉन्ग्रेस की कमान भले सॅंभाल ली हो, लेकिन बगावत पर उतारू नेता मानने के मूड में नहीं दिख रहे। हरियाणा कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने चुनाव समितियों से इस्तीफा दे दिया है। महाराष्ट्र में मुंबई कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष रहे संजय निरुपम ने भी पार्टी छोड़ने की धमकी दी है।
दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। निरुपम और तंवर दोनों टिकट बॅंटवारे में अपनी उपेक्षा से नाराज हैं। उल्लेखनीय है कि तंवर राहुल के काफी करीबी माने जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चेतावनियों के बावजूद राहुल ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से नहीं हटाया था। सोनिया के कमान सॅंभालने के बाद हरियाणा में पार्टी की कमान कुमारी शैलजा को सौंप दी गई थी। साथ ही तंवर की अनदेखी कर हुड्डा को आगे किया गया।
तंवर ने गुरुवार को सोनिया को अपना इस्तीफा भेजा। तीन पन्ने के इस्तीफे में उन्होंने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों के चयन में धांधली का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि उनकी अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा कि पांच साल आठ माह तक हरियाणा प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष के रूप में उन्होंने पार्टी को मजबूत किया। इसके कारण लोकसभा चुनाव में पार्टी का वोट छह फीसदी बढ़ा। उनके नेतृत्व में पार्टी ने प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाई, लेकिन चुनाव के समय उन्हें किनारे लगा दिया गया।
Copy of the letter written by @AshokTanwar_INC to @INCIndia President Smt Sonia Gandhi ji. pic.twitter.com/I06KvgmVaw
— Office of Ashok Tanwar (@ashok4haryana) October 3, 2019
इससे पहले बुधवार को तंवर ने अपने समर्थकों के साथ कॉन्ग्रेस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। उन्होंने सोहना विधानसभा सीट का टिकट पॉंच करोड़ रुपए में बेचे जाने का आरोप लगाया था।
दूसरी ओर, निरुपम ने अपने द्वारा सुझाए गए नाम को खारिज किए जाने के बाद गुरुवार को घोषणा की कि वह
कॉन्ग्रेस के प्रचार अभियान में शामिल नहीं होंगे। पूर्व सांसद ने कहा कि पार्टी नेतृत्व उनसे जिस तरह का व्यवहार कर रहा है, उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब वह पार्टी को अलविदा कह देंगे।
गौरतलब है कि निरूपम को इस साल लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में मुंबई कॉन्ग्रेस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। उन पर मनमाने तरीके से काम करने का आरोप था। उनकी जगह मिलिंद देवड़ा को मुंबई कॉन्ग्रेस का प्रमुख बनाया गया था। आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद देवड़ा ने भी इस्तीफा दे दिया था। फिलहाल मुंबई
कॉन्ग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड़ हैं।