Thursday, March 28, 2024
Homeबड़ी ख़बरसरकार परमानेंट नहीं : CBI को कॉन्ग्रेस नेता आनंद शर्मा की धमकी; हुड्डा...

सरकार परमानेंट नहीं : CBI को कॉन्ग्रेस नेता आनंद शर्मा की धमकी; हुड्डा पर पड़े थे छापे

सीबीआई ने यह छापेमारी 2005 में असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को गलत तरीके से ज़मीन आवंटित करने के मामले में की है। बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद भी अपने आवास के अंदर मौजूद रहे।

कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रोहतक स्थित आवास पर सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी पर कॉन्ग्रेस नेता आनंद शर्मा ने अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा है कि सरकार ‘परमानेंट’ नहीं होती। उन्होंने धमकी में यह भी याद दिलाया कि चुनाव आने वाले हैं।

सीबीआई ने यह छापेमारी 2005 में असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को गलत तरीके से ज़मीन आवंटित करने के मामले में की है। बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद भी अपने आवास के अंदर मौजूद रहे। सीबीआई की टीमें इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में एक साथ 20 से अधिक जगहों पर भी छापेमारी कर रही हैं।

क्या है भ्रष्टाचार से जुड़ा पूरा मामला

सीबीआई की ये छापेमारी जहाँ साल 2005 में असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को गलत तरीके से ज़मीन आवंटित करने के मामले में मारी गई, वहीं दूसरी ओर एक रिपोर्ट की मानें तो सीबीआई ने हुड्डा के खिलाफ एक नया मामला भी दर्ज किया है, जो 2009 में गुड़गाँव में भूमि आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं से संबंधित है।

सीबीआई ने हुड्डा के साथ कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा और एजेएल के खिलाफ चार्जशीट फ़ाइल कर दी है। बता दें कि हाल ही में हरियाणा के राज्यपाल नारायण आर्य ने (एजेएल) मामले में सीबीआई को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी दी थी।

ऐसे किया गया था ज़मीन का फर्जी आवंटन

पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप है कि 30 अगस्त 1982 में एजेएल को ज़मीन आवंटित कर दी थी जिसमें शर्त थी कि कंपनी 6 महीने में ज़मीन पर कंस्ट्रक्‍शन करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो 30 अक्टूबर 1992 को पंचकूला के संपदा अधिकारी ने ज़मीन रिज्यूम कर ली। साथ ही, 10% राशि में कटौती कर बाकि राशि 10 नवंबर 1995 को लौटा दी गई।  

अब एजेएल ने इसका विरोध किया और राजस्व विभाग के पास अपील की, लेकिन यहाँ उसे कोई राहत नहीं मिली। आरोप है की साल 2005 में मुख्यमंत्री हुड्डा ने एजेएल को यह ज़मीन दोबारा से अलॉट करवाने का रास्ता तैयार कर दिया।

बताया जाता है कि तब हुड्डा के तत्कालीन मुख्य प्रशासक ने तर्क दिया था कि पुरानी कीमत पर ज़मीन को आवंटित करना संभव नहीं है। लेकिन बावजूद इसके 28 अगस्त 2005 को पंचकूला की ज़मीन 1982 की दर पर ही एजेएल को अलॉट कर दी गई।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

RSS से जुड़ी सेवा भारती ने कश्मीर में स्थापित किए 1250 स्कूल, देशभक्ति और कश्मीरियत का पढ़ा रहे पाठ: न कोई ड्रॉपआउट, न कोई...

इन स्कूलों में कश्मीरी और उर्दू भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे आतंकवादियों के सहयोगी बनें या पत्थरबाजों के ग्रुप में शामिल हों।

‘डराना-धमकाना कॉन्ग्रेस की संस्कृति’: 600+ वकीलों की चिट्ठी को PM मोदी का समर्थन, CJI से कहा था – दिन में केस लड़ता है ‘गिरोह’,...

"5 दशक पहले ही उन्होंने 'प्रतिबद्ध न्यायपालिका' की बात की थी - वो बेशर्मी से दूसरों से तो प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन खुद राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe