चीन के साथ हालिया तनाव के बीच देश में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मॉंग जोर पकड़ती जा रही है। लेकिन, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है चीन के सामान का बहिष्कार करने से चीन की अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं होगा।
So boycotting Chinese goods will not hurt the China’s economy. We should not bring issues like boycott when we are discussing very grave matters like the defence of India: Congress leader P Chidambaram (2/2) https://t.co/S1kVyP269J
— ANI (@ANI) June 20, 2020
शनिवार (20 जून, 2020) को चिदंबरम ने कहा कि हमें जितना संभव हो सके उतना आत्मनिर्भर बनना चाहिए, लेकिन हम बाकी दुनिया से अलग नहीं हो सकते। भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला जारी रखनी चाहिए और चीनी वस्तुओं का बहिष्कार नहीं करना चाहिए।
चिदंबरम ने कहा कि चीनी सामानों का बहिष्कार करने से चीन की अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं होगा। जब हम भारत की रक्षा जैसे बहुत गंभीर मामलों पर चर्चा कर रहे हैं, तो हमें बहिष्कार जैसे मुद्दों को बीच में नहीं लाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि नोएडा में करीब 20 हजार MSME ने निर्माण प्रक्रिया में चीनी उत्पादों और उपकरणों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इसी तरह कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने भी चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील की है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों गलवान में चीनी सैनिकों के धोखे से किए गए हमले में 20 सैनिक बलिदान हो गए थे। हालॉंकि भारतीय सैनिकों ने इसका मुॅंहतोड़ जवाब दिया था और चीन के 43 सैनिकों के मरने की खबर भी है। इस घटना को लेकर भी कई कॉन्ग्रेस नेता अनर्गल प्रलाप अलाप चुके हैं।
कारगिल से कॉन्ग्रेस पार्षद जाकिर हुसैन ने तो इस घटना का हवाला देकर सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसका ऑडियो वायरल होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
उससे पहले कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद रह चुके हुसैन दलवई ने कहा था कि इस घटना में चीन की तरफ से कोई सैनिक नहीं मरा है। भारतीय सेना को अपमानित करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें वहाँ लाठी लेकर क्यों भेजा गया, क्या वहाँ आरएसएस की कोई शाखा थी? महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के नेता दलवई ने कहा कि भारत-चीन के बीच हुई झड़प में चीन की तरफ से कोई सैनिक नहीं मरा, सिर्फ हमारे जवान मारे गए हैं।
उन्होंने कहा, “हमने जवानों को लाठियाँ देकर क्यों बॉर्डर पर भेजा, क्या वहाँ RSS की शाखा थी? ऐसा है तो सैनिकों को क्यों आरएसएस के लोगों को ही बॉर्डर पर भेजो। वे सीमा पर पहरा देंगे।”
इतना ही नहीं राजनीतिक पार्टी डीएमके (DMK) के आधिकारिक ‘कलैगनार टीवी’ (Kalaignar TV) पर प्रसारित एक शो का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वरवणई सेंथिल (Varavanai Senthil) नाम के होस्ट को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पर गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हुए चीनी आक्रामण का बचाव करते देखा जा सकता है।
वीडियो में टीवी एंकर सेंथिल को चीन का समर्थन करते हुए करते हुए सुना जा सकता है कि भारतीयों के खिलाफ पीएलए सैनिकों द्वारा किया गया हमला मोदी सरकार की कुछ नीतियों की प्रतिक्रिया थी, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करना।