Tuesday, November 26, 2024
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2020 में अस्पताल के हर बेड पर ऑक्सीजन, होम डिलिवरी भी… 2021 में दिल्ली में प्लांट नहीं होने का रोना रो रहे केजरीवाल

दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार के बीच सोशल मीडिया में केजरीवाल सरकार को पुराने वादों की याद दिलाते हुए स्क्रीनशॉट खूब वायरल हो रहे हैं। अगस्त 2020 में आम आदमी पार्टी ने घर-घर ऑक्सीजन भेजकर जान बचाने का भरोसा दिया था।

“दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। अगर यहाँ ऑक्सीजन का प्लांट नहीं है तो क्या दिल्ली के लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी? कृपया सुझाव दें कि जब दिल्ली के लिए एक ऑक्सीजन टैंकर को दूसरे राज्य में रोका जाता है तब केंद्र सरकार में मुझे किससे बात करनी चाहिए?”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23 अप्रैल 2021 को हुई उस बैठक में कही, जिसका वह गुपचुप लाइव कर रहे थे।

दिलचस्प बात ये है कि केजरीवाल उसी आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार के मुखिया हैं जिसने बीते साल ये ऐलान किया था कि जिन-जिन अस्पतालों में कोविड मरीजों का इलाज हो रहा है उसके हर बेड पर ऑक्सीजन का प्रबंध दिल्ली सरकार करेगी। दिल्ली सरकार का यह ऐलान उस वक्त अखबारों में विस्तार से छपा भी था और 12 जून 2020 को AAP के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसे शेयर भी किया गया था।

पार्टी ने तब ये भी कहा था कि जहाँ पाइप की सुविधा नहीं होगी, वहाँ सिलिंडर की व्यवस्था होगी और इसके लिए दिल्ली स्टेट हेल्थ मिशन कोविड फंड के जरिए सभी चिकित्सा उपकरण खरीदने का इंतजाम उन पर है।

इसके बाद 5 जनवरी 2021 को स्थिति के मद्देनजर केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड से देश के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 201.58 करोड़ रुपए आवंटित किए। इस रकम से देश भर में 162 पीएसए मेडिकल ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लांट्स लगाने का ऐलान हुआ। 

सरकार ने बताया कि इन 162 प्लांट्स की क्षमता 154.19 मिट्रिक टन होगी। इन ऑक्सीजन प्लांट को 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लगाया जाएगा। 201 करोड़ रुपए में 137.33  करोड़ रुपए मशीनों की आपूर्ति, कमीशनिंग और सेंट्रल मेडिकल सप्लाई स्टोर का मैनेजमेंट शुल्क है। 64.25 करोड़ रुपए वार्षिक रख-रखाव के लिए खर्च किया जाएगा।

केंद्र सरकार के इस 5 जनवरी के आदेश में महाराष्ट्र में 10 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की अनुमति दी गई और दिल्ली में 8 ऑक्सीजन प्लांट। आज दिल्ली की स्थिति जब महामारी के कारण बदतर हो गई है। 24 घंटों में 24 हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं। अस्पताल के बाहर मरीज ऑक्सीजन के अभाव तड़प रहे हैं तब सोशल मीडिया पर सवाल हो रहा है कि जब 8 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमति मिली तो आखिर उन पर काम क्यों नहीं हुआ। 

केजरीवाल सरकार ने 2020 में कोविड मरीजों के बेड तक ऑक्सीजन पहुँचाने का ऐलान जरूर किया, लेकिन उस दिशा में काम करने की जगह उत्तर प्रदेश में ‘जन-जन ऑक्सीजन’ अभियान चलाने की घोषणा कर दी। साथ ही AAP नेता दिलीप पांडे को इसका जिम्मा सौंपते हुए कहा गया कि यूपी सरकार से उम्मीद नहीं है। इसलिए दिल्ली का मॉडल यूपी के लोग अपने हाथ में लेंगे और इसके लिए दिलीप पांडे यूपी के गाँव-गाँव जाएँगे।

सोशल मीडिया यूजर्स ने उतार रहे केजरीवाल पर गुस्सा

बता दें कि दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार के बीच सोशल मीडिया में केजरीवाल सरकार को पुराने वादों की याद दिलाते हुए स्क्रीनशॉट खूब वायरल हो रहे हैं। अगस्त 2020 में आम आदमी पार्टी ने घर-घर ऑक्सीजन भेजकर जान बचाने का भरोसा दिया था।

अब इसी को शेयर करके यूजर्स AAP सरकार से सवाल कर रहे हैं। एक यूजर का पूछना है कि दिल्ली ने विज्ञापन वाली सरकार के लिए वोट नहीं दिया। अब नए अस्पताल कहाँ है? पार्टी को नए मोहल्ला क्लीनिक खोलने की बजाय, फंड का इस्तेमाल बने बनाए स्वास्थ्य संस्थानों को बेहतर बनाने में करना चाहिए और दवाई उपलब्ध करवानी चाहिए। इसी प्रकार दूसरे यूजर ने केजरीवाल सरकारों को वादे पूरे करने में फेल बताया और कहा कि अरविंद केजरीवाल सिर्फ टीवी पर छाए रहना चाहते हैं। एक ने तो ये भी कहा कि 6 माह बीत गए पर ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं हुआ। पता नहीं कैसे दिल्ली वाले इस गिद्ध को झेल रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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