गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में आरोपित डॉ. कफील खान हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए हैं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कम्युनिस्ट पार्टी को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ टिप्पणी करने के लिए खान को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था। जयपुर प्रेस क्लब में आज (4 सितंबर, 2020) एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खान ने कहा कि उन्हें परिवार के साथ राजस्थान जाने की सलाह दी गई, क्योंकि यहॉं कॉन्ग्रेस की सरकार होने के कारण वे सुरक्षित रहेंगे।
उन्होंने कहा, “मुझे प्रियंका जी द्वारा जयपुर में सुरक्षित रहने का आश्वासन दिया गया। उन्होंने मेरी माँ और पत्नी से बात की थी और कहा था कि यूपी सरकार मेरे खिलाफ और आरोप लगा सकती है। हम यहाँ राजस्थान में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।”
खान ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें गलत तरीके से फँसाया। साथ ही उन्होंने सीएम योगी से अपने निलंबन को रद्द करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनके निलंबन को वापस नहीं लिया गया तो वे इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
बता दें 2017 में ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी के कारण गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 72 बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद डॉ.खान को चिकित्सा लापरवाही के आरोपों के कारण निलंबित और गिरफ्तार भी किया गया था।
यूपी पुलिस द्वारा 2 साल किए गए जाँच के बाद उनपर लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप हटा दिए गए, लेकिन फिर भी उन पर निजी प्रैक्टिस चलाने सहित दो अन्य आरोप लगाए गए थे। 9 महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें 2018 में रिहा कर दिया गया था। लेकिन अभी भी वे नौकरी से निलंबित है।
गौरतलब है कि प्रियंका गाँधी ने ट्विटर पर डॉ. कफील खान के रिहा होने के बाद खुशी जाहिर की थी। वाड्रा ने इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी भी लिखा था। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव में कफील खान कॉन्ग्रेस पार्टी का मुस्लिम चेहरा बन सकते हैं।