Saturday, November 16, 2024
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ममता बनर्जी की TMC और शरद पवार की NCP अब नहीं रही राष्ट्रीय पार्टी, वामपंथी CPI से भी छिना दर्जा, AAP की एंट्री: ECI का फैसला

सके अलावा, उत्तर प्रदेश में आरएलडी, आंध्र प्रदेश में बीआरएस, मणिपुर में पीडीए, पुडुचेरी में पीएमके, पश्चिम बंगाल में आरएसपी और मिजोरम में एमपीसी का क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा रद्द कर दिया गया है।

चुनाव आयोग ने टीएमसी, एनसीपी और सीपीआई से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन लिया है। यही नहीं, आरएलडी (यूपी) और बीआरएस (आंध्र) से भी क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। वहीं, आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी कहलाएगी। कुछ दलों को उनके प्रदर्शन के आधार पर क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा भी दिया गया है।

चुनाव आयोग के अपने बयान में कहा है कि तृणमूल कॉन्ग्रेस, राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया था। लेकिन वह इस दर्जे को बरकरार रखने लायक वोट प्रतिशत प्राप्त नहीं कर पाए। ऐसे में यह दर्जा वापस लिया जा रहा है। चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि इन पार्टियों को 2 संसदीय चुनावों और 21 राज्यों के विधानसभा चुनावों में पर्याप्त मौके दिए गए थे। अब नियमों के अनुसार ये पार्टियाँ राष्ट्रीय पार्टियाँ नहीं रहेंगी। लेकिन ये पार्टियाँ आगामी चुनावों में आवश्यक वोट प्रतिशत हासिल कर राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे को एक बार फिर हासिल कर सकती हैं।

इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में आरएलडी, आंध्र प्रदेश में बीआरएस, मणिपुर में पीडीए, पुडुचेरी में पीएमके, पश्चिम बंगाल में आरएसपी और मिजोरम में एमपीसी का क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा रद्द कर दिया गया है। हालाँकि ये पार्टियाँ अब भी गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के रूप में बनी रहेगीं। इसके अलावा, नगालैंड में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), मेघालय में वॉयस ऑफ द पीपल्स पार्टी और त्रिपुरा में तिपरा मोथा को क्षेत्रीय का दर्जा दिया गया है। यही नहीं, दिल्ली, गोवा, पंजाब और गुजरात में पार्टी के प्रदर्शन के आधार पर अब आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्ज दिया गया है।

क्या है नियम…

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी को तीन नियमों को पूरा करना होता है। पहला यह है कि पार्टी को कम से कम चार राज्यों में 6 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए हों। दूसरा नियम यह है कि लोकसभा चुनाव की सभी सीटों में कम से कम 3 राज्यों में 2 प्रतिशत सीटें हासिल हुई हों। या फिर पार्टी को कम से कम चार राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिला हो।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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