प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल को समन भेजा है। ED ने CM केजरीवाल को 4 मार्च, 2024 को पेश होने को कहा है। ED यह पूछताछ शराब घोटाला मामले में करना चाहती है।
The Enforcement Directorate has issued 8th summon to Delhi CM and AAP national convenor Arvind Kejriwal asking him to appear on March 4.
— ANI (@ANI) February 27, 2024
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ED इससे पहले 7 बार उन्हें समन भेज कर पूछताछ के लिए बुला चुकी है। हालाँकि, वह हर बार पूछताछ में जाने से इंकार कर देते हैं। उन्हें ED ने कल (26 फरवरी, 2024) भी पूछताछ के लिए बुलाया था। उन्होंने इस पूछताछ में भी जाने से मना कर दिया था। यह समन उन्हें 22 फरवरी को भेजा गया था।
उन्होंने इस सुनवाई पर एजेंसी से कहा था कि उन्हें बार बार समन ना भेजे जाएँ। केजरीवाल ने कहा था कि यह मामला कोर्ट में है इसलिए उसके निर्णय के बाद ही आगे बढ़ा जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट का आदेश आएगा तो वह ED के सामने पेश हो जाएँगे। गौरतलब है कि इस विषय में अगली सुनवाई 16 मार्च को होनी है।
दिल्ली सीएम पहले भी 7 बार अलग-अलग कारण देकर ED की पूछताछ से बचते रहे हैं। ED ने 14 फरवरी को समन जारी करके केजरीवाल से 19 फरवरी को पेश होने के लिए कहा था। लेकिन उस दिन केजरीवाल विधानसभा में विश्वास मत ले आए।
उससे पहले ED ने 3 फरवरी, 2024 को कोर्ट का रास्ता अरविंद केजरीवाल के कई बार पेश ना होने से आजिज आकर अपनाया था। केंद्रीय एजेंसी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आम जनता के समक्ष गलत उदहारण पेश करने का आरोप लगाया था।
ED ने नवम्बर 2023 में जब केजरीवाल को समन भेजा गया था तो उन्होंने कहा था कि वह मध्य प्रदेश चुनाव प्रचार के लिए जा रहे हैं। हालाँकि, उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में 90% सीट पर अपनी जमानत नहीं बचा पाई थी। इसके बाद दिसम्बर में जब उन्हें जाँच एजेंसी ने बुलाया तो उन्होंने कहा कि वे विपश्यना के लिए पंजाब जा रहे हैं। इसलिए वे नहीं आ सकते।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ED द्वारा भेजे गए समन को राजनीतिक साजिश बताते आए हैं। वह यह भी सवाल करते रहे हैं कि एक मुख्यमंत्री को ED किस हैसियत से पूछताछ के लिए बुला रही है। अरविंद केजरीवाल कहते रहे हैं कि उन्हें गिरफ्तार करने की साजिश की जा रही है, ताकि वे लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी AAP के लिए चुनाव प्रचार ना कर सकें।
गौरतलब है कि केजरीवाल से पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी ED से बचते आए थे। ED उन्हें 10 बार पूछताछ के लिए बुला चुकी थी। वह भी इन समन के पीछे राजनीतिक साजिश बता रहे थे। हालाँकि, 31 जनवरी को जब उनसे ED ने पूछताछ की तो उन्होंने इसके बाद इस्तीफ़ा दे दिया। ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।