प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली में कई स्थानों पर छापा मारा है। इस मामले में देश भर में 12 ठिकानों पर छापेमारी की गई। इसमें नेशनल हेराल्ड का दफ्तर भी शामिल है। सर्च अभियान जारी है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी के अधिकारी नेशनल हेराल्ड के दफ्तर में मौजूद हैं और तलाशी अभियान चला रही है।
#UPDATE | Enforcement Directorate (ED) is conducting raids at 12 locations in the National Herald case https://t.co/Y3jqAqRBfw
— ANI (@ANI) August 2, 2022
बता दें कि इस मामले में सोनिया और राहुल गाँधी दोनों आरोपित हैं। दोनों नेताओं पर सेक्शन 120 (B)(आपराधिक षडयंत्र) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत केस दर्ज हैं। फ़िलहाल, सोनिया और राहुल गाँधी और अभी जमानत पर हैं। बता दें कि ईडी इस मामले में राहुल गाँधी से भी लंबी पूछताछ कर चुकी है। तब मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गाँधी ने ईडी से कहा कि नेशनल हेराल्ड का सारा कामकाज मोतीलाल वोरा देखते थे। उनको इस मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
Delhi | ED raids are underway at multiple locations in Delhi pertaining to alleged National Herald money laundering case pic.twitter.com/fUmD1YxI9a
— ANI (@ANI) August 2, 2022
वहीं ईडी ने इस मामले में कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गाँधी से 26 जुलाई को दूसरी बार भी पूछताछ की थी। इससे पहले तीन दिन की पूछताछ में ईडी ने सोनिया से 100 से ज्यादा सवाल पूछे थे। ईडी ने सोनिया गाँधी से पहली बार 21 जुलाई को इस मामले में 2 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। वहीं सोनिया गाँधी को पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस बुलाए जाने के विरोध में कॉन्ग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस ने कॉन्ग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था।
नेशनल हेरॉल्ड मामले में ईडी ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कैसे यंग इंडियन ने एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड (AJL) और उसकी संपत्तियों का अधिग्रहण किया गया। इस मामले में तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार ने इसकी दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, भोपाल और चंडीगढ़ की कई संपत्तियों को रियायती दर पर बेचने की इजाजत दे दी थी।
क्या है ये मामला
यह मामला कॉन्ग्रेस पार्टी के नेतृत्व में ‘यंग इंडियन’ में वित्तीय अनियमितता की जाँच के सिलसिले में दर्ज किया गया था। समाचार पत्र ‘नेशनल हेराल्ड’, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड का है। ‘नेशनल हेराल्ड’ एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और अन्य पर धोखाधड़ी की साजिश रचने और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के फंड का गबन करने का आरोप लगाया था।
स्वामी ने यह भी आरोप लगाया था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपए की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपए का भुगतान किया था, जो एजेएल पर कॉन्ग्रेस का बकाया था। उल्लेखनीय है कि ईडी के अनुसार, गाँधी परिवार द्वारा नियंत्रित एनजीओ, जिसकी शुरुआत 2010 में केवल 5 लाख रुपए से हुई थी, अब उसकी संपत्ति 800 करोड़ रुपए से अधिक है।
बता दें कि 2010 में AJL के 1057 शेयरधारक थे। घाटा होने पर इसकी होल्डिंग यंग इंडिया लिमिटेड यानी YIL को ट्रांसफर कर दी गई। जबकि यंग इंडिया लिमिटेड की स्थापना भी उसी वर्ष यानी 2010 में हुई थी। इसमें तत्कालीन कॉन्ग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गाँधी डायरेक्टर के रूप में शामिल हुए। कंपनी में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी राहुल गाँधी और उनकी माँ सोनिया गाँधी के पास रखी गई। जबकि शेष 24 फीसदी कॉन्ग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस (दोनों का निधन हो चुका है) के पास थी।
क्या है नेशनल हेराल्ड
गौरतलब है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 20 नवंबर 1937 को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी AJL का गठन किया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। तब AJL के अंतर्गत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित हुए। भले ही AJL के गठन में पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमिका थी, लेकिन इसपर मालिकाना हक कभी भी उनका नहीं रहा। क्योंकि, इस कंपनी को 5000 स्वतंत्रता सेनानी सपोर्ट कर रहे थे और वही इसके शेयर होल्डर भी थे। 90 के दशक में ये अखबार घाटे में आने लगे। साल 2008 तक AJL पर 90 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। तब AJL ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। अखबारों का प्रकाशन बंद करने के बाद AJL प्रॉपर्टी बिजनेस में उतरी।