राजधानी दिल्ली की सीमा पर किसानों का प्रदर्शन लगातार 11वें दिन जारी है। वे कृषि सुधार क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं। इस मुद्दे पर किसान अपना मत स्पष्ट कर चुके हैं कि तीनों कृषि क़ानून वापस लिए जाएँ। इस बीच केंद्र सरकार और किसान संगठन के प्रतिनिधियों की बैठक भी हुई लेकिन बैठक में हुई वार्ता का कोई नतीजा नहीं आया। इस मुद्दे पर कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बयान दिया है। उन्होंने विपक्ष पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया है। इसी बीच मशहूर मुक्केबाज विजेंद्र सिंह ने भी हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसानों के विरोध-प्रदर्शन का समर्थन किया है।
कृषि सुधार क़ानून पर जारी विरोध-प्रदर्शन को लेकर कृषि राज्य मंत्री ने कहा, “न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी रहेगा। किसानों को किसी भी झाँसे में आने की ज़रूरत नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसा कहते हैं वैसा ही करते भी हैं, एमएसपी के संबंध में लिख कर दे भी सकते हैं।” स्वामीनाथन आयोग का हवाला देते हुए उनका कहना था कि उसमें भी यही सिफारिश की गई है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में ही किसानों का हित है, यानी कृषि क़ानून किसानों के हित में है। सरकार ने पहले ही स्पष्ट किया है कि आवश्यकता पड़ने पर इसमें संशोधन भी किया जाएगा।
मैं सभी किसान भाईयों से कहना चाहूंगा कि भारत बंद करने से देश का आर्थिक नुकसान होगा इसलिए मैं उन्हें थोड़ा पीछे हटने के लिए कहूंगा क्योंकि पीएम मोदी जी के नेतृत्व में जिस तरह से किसानों के हित में काम हुए उस तरह पहले कभी नहीं हुआ: केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी https://t.co/kUuy7FcmYU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2020
कृषि राज्य मंत्री ने विपक्ष की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “कुछ राजनीतिक लोग आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। इस क़ानून ने किसानों को आज़ादी दी है। मुझे नहीं लगता है कि खेतों में काम करने वाले असल किसानों को कृषि सुधार क़ानूनों से किसी भी तरह की आपत्ति है। किसानों को असल में इस बात पर विचार करना होगा कि कौन इसे मुद्दे पर राजनीति कर रहा है।”
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, “पिछले कई सालों में किसान संघ ने उचित मूल्यों के लिए आन्दोलन किया है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में सालों बाद किसानों के हित में निर्णय हुआ है। हर चार महीनों के दौरान किसानों के खाते में 4000 रुपए डाले जाते हैं। किसानों को सम्मान राशि दी जाती है। भारत बंद से सिर्फ और सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था का नुकसान होगा। मैं आशा करता हूँ किसान देश में अशांति फैलाने वाला कोई कदम नहीं उठाएँगे। मोदी सरकार का लक्ष्य है कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाए, उसके लिए इस तरह के सुधारों की ज़रूरत थी। केंद्र सरकार हमेशा से ही देश के किसानों के पक्ष में रही है।”
वहीं दूसरी तरफ मुक्केबाज विजेंद्र सिंह ने हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसानों के विरोध-प्रदर्शन का समर्थन किया है। उल्लेखनीय है कि विजेंद्र सिंह पर साल 2013 के दौरान पुलिस ने आरोप लगाया था कि उन्होंने 12 बार ड्रग्स का सेवन किया है।
I’d received training in Punjab & had their ‘roti’. Today when they’re here in cold, I’ve come as their brother. Other athletes from Haryana wanted to come but they have govt jobs & would’ve been in trouble. They say they’re with farmers: Vijender Singh, boxer & Congress leader pic.twitter.com/sEb4WPC60W
— ANI (@ANI) December 6, 2020
समर्थन करते हुए विजेंद्र सिंह ने ऐलान किया है कि केंद्र सरकार कृषि सुधार कानून वापस नहीं लेती है तो वह अपना राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड (खेलों में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार) वापस लौटा देंगे। किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए भारतीय मुक्केबाज ने कहा, “मैंने पंजाब में प्रशिक्षण लिया है और यहाँ की रोटी खाई है। आज जब ये लोग ठण्ड के मौसम में यहाँ मौजूद हैं तो मैं इनके भाई की तरह आया हूँ। हरियाणा के अन्य खिलाड़ी भी इसमें शामिल होना चाहते थे, लेकिन वह सरकारी नौकरी करते हैं, उनके लिए समस्या खड़ी हो जाएगी। फिर भी उन खिलाड़ियों का कहना है कि वह किसानों के साथ हैं।”