गणतंत्र दिवस 2022 के मौके पर भारत ने मध्य एशिया के सभी 5 देशों कजाकस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान को बतौर अतिथि आमंत्रण भेजा है। ये पहली बार है, जब भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर पाँचों मध्य एशियाई देश नई दिल्ली में उपस्थित रहेंगे। इससे पहले 2018 में ASIAN देशों को न्योता भेजा गया गया था। उसके बाद इतनी संख्या में देशों को पहली बार न्योता भेजा गया है। लगभग 3 सप्ताह पहले से ही इस सम्बन्ध में बातचीत चालू हो गई थी।
बता दें कि मध्य एशिया के देशों के साथ भारत का पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सम्बन्ध हैं। दोनों की सभ्यताओं के बीच भी जुड़ाव पुराना है। ऐसे में भारत जिस तरह से उनके बीच अपनी पहुँच बना रहा है, उससे चीन ज़रूर परेशान होगा। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन पाँचों देशों का दौरा किया था, जो भारतीय गणतंत्र के इतिहास में पहली बार था। बता दें कि ये पाँचों ही देश कभी सोवियत यूनियन का हिस्सा हुआ करते थे। सोवियत संघ के विघटन के बाद ये अस्तित्व में आए।
केंद्रीय विदेश मंत्रालय के स्तर पर मध्य एशियाई देशों के साथ बातचीत पहले से होती रही है। 18-19 दिसंबर, 2021 को भारत इन पाँचों देशों के विदेश मंत्रियों की नई दिल्ली में मेजबानी करेगा। ये इस तरह की तीसरी बैठक होगी। जनवरी 2019 में उज्बेकिस्तान के समरकंद में ऐसी पहली बैठक हुई थी। तब भारत की केंद्रीय विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज थीं, जिन्होंने उस मंच पर देश का प्रतिनिधित्व किया था। पिछले साल कोरोना महामारी के कारण ये बैठक वर्चुअल रूप से हुई।
ऊर्जा, आईटी, स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि के क्षेत्र में मध्य एशिया के विकास के लिए भारत पहले ही 1 बिलियन डॉलर (7571.75 करोड़ रुपए) की ‘लाइन ऑफ क्रेडिट’ की घोषणा कर चुका है। ईरान में चाहबार पोर्ट के निर्माण को भी इन देशों का समर्थन मिला। इस साल जब केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर उज्बेकिस्तान और तजाकिस्तान गए थे, तब अफगानिस्तान का मुद्दा भी बातचीत में हावी रहा था। इससे पहले 2009 में कजाकस्तान गणतंत्र दिवस के मौके पर चीफ गेस्ट था।
All 5 Central Asian countries to be chief guests at India's Republic Day | Reported by Sidhant Sibal
— DNA (@dna) December 12, 2021
(@sidhant)https://t.co/77X7kgd4Hr
2021 के गणतंत्र दिवस समारोह में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतीतजी बनाया गया था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से वो नहीं आ पाए। उससे पहले 2019 में दक्षिण अफ्रीका के सायरिल रमफोसा, 2018 में 10 ASEAN देश, 2017 में UAE मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान, 2016 में फ़्रांस के तब के राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलांदे और 2015 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था।