जेएनयू में रविवार (जनवरी 5, 2020) की रात हुई हिंसा के ख़िलाफ़ मुंबई में विरोध प्रदर्शन के दौरान देश विरोधी नारेबाजी का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार (जनवरी 7,2020) की तड़के तक गेटवे ऑफ इंडिया पर जारी प्रदर्शन में एक छात्रा के हाथ में ‘फ्री कश्मीर’ का पोस्टर देखा गया। जिसके बाद महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना पर न केवल विपक्षी पार्टी (भाजपा) ने निशाना साधा बल्कि गठबंधन में उनकी सहयोगी पार्टी कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता भी इस पर सवाल उठाने से नहीं चूके।
विरोध प्रदर्शन में ‘फ्री कश्मीर’ के पोस्टर पर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार को कटघरे में खड़ा कर सवाल किया। फडणवीस ने सीएम उद्धव ठाकरे से पूछा कि क्या उन्हें फ्री कश्मीर भारत विरोधी अभियान बर्दाश्त है। देवेंद्र फडणवीस ने ‘फ्री कश्मीर’के पोस्टर वाले वीडियो ट्वीट कर लिखा, “यह किस बात का प्रदर्शन है? फ्री कश्मीर के नारे क्यों लगाए जा रहे हैं? हम मुंबई में इस तरह के अलगाववादी तत्वों को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं?”
पूर्व सीएम फडणवीस ने आगे लिखा, “सीएम कार्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर आजादी गैंग ने फ्री कश्मीर के नारे लगाए। उद्धव जी आप अपनी नाक के नीचे फ्री कश्मीर एंटी इंडियन कैंपेन को बर्दाश्त कर रहे हैं।”
Protest is for what exactly?
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) January 6, 2020
Why slogans of “Free Kashmir”?
How can we tolerate such separatist elements in Mumbai?
‘Free Kashmir’ slogans by Azadi gang at 2km from CMO?
Uddhav ji are you going to tolerate this Free Kashmir Anti India campaign right under your nose???@OfficeofUT https://t.co/zkWRjxuTqA
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा ध्यान आकर्षित करवाने के बाद भी उद्धव ठाकरे जहाँ इस मामले पर शांत रहे। वहीं उन्हीं की सहयोगी पार्टी कॉन्ग्रेस के नेता संजय निरुपम ने भी इस ‘फ्री कश्मीर’ के पोस्टर पर आपत्ति जताई।
संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा कि ऐसे पोस्टर देश भर में चल रहे छात्र आंदोलन को बदनाम कर सकते हैं। निरुपम ने कहा कि आंदोलनकारियों को सावधानी बरतनी पड़ेगी। जेएनयू हिंसा का कश्मीर की आजादी से क्या मतलब है।
संजय निरुपम ने ट्वीट किया, “ऐसे पोस्टर देश भर में चल रहे छात्र आंदोलन को बदनाम कर सकते हैं। आंदोलन गुमराह हो सकता है। आंदोलनकारियों को सावधानी बरतनी पड़ेगी। #JNUVoilence का कश्मीर की आज़ादी से क्या रिश्ता ? कौन हैं ये लोग ? किसने गेटवे पर भेजा इन्हें ? बेहतर होगा,सरकार इसकी जाँच कराए।”
ऐसे पोस्टर देश भर में चल रहे छात्र आंदोलन को बदनाम कर सकते हैं।
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) January 6, 2020
आंदोलन गुमराह हो सकता है।
आंदोलनकारियों को सावधानी बरतनी पड़ेगी।#JNUVoilence का कश्मीर की आज़ादी से क्या रिश्ता ?
कौन हैं ये लोग ? किसने गेटवे पर भेजा इन्हें ?
बेहतर होगा,सरकार इसकी जाँच कराए। pic.twitter.com/oqrzBsqIcT
मुख्यमंत्री भले अब तक शांत हैं लेकिन उनके ‘संजय’ ने मुँह खोल दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सामना के संपादक संजय राउत ने FREE KASHMIR बैनर को लेकर सफाई दी है। उनका कहना है कि जिन्होंने यह बैनर थामा था, उनका मकसद कश्मीर में फ्री इंटरनेट, फ्री मोबाइल सर्विसेज और अन्य प्रतिबंधों से है। हालाँकि आखिर में उन्होंने यह जोड़ा कि जो लोग भारत से कश्मीर की आजादी की बात करते हैं, उन्हें बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
Sanjay Raut,Shiv Sena: I read in newspaper that those who held 'free Kashmir' banner clarified that they want to be free of restrictions on internet services,mobile services and other issues. Also, if anyone talks of freedom of Kashmir from India then it will not be tolerated. pic.twitter.com/Mi03MkQ3JU
— ANI (@ANI) January 7, 2020
गौरतलब है कि सोमवार को जेएनयू हिंसा के ख़िलाफ़ मुंबाई के हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक मार्च निकाला गया था। इसी मार्च में एक छात्रा के हाथ में फ्री कश्मीर का पोस्टर दिखा। जिसके बाद सोशल मीडिया पर भाजपा पार्टी और कॉन्ग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा।
बता दें कि गेटवे ऑफ इंडिया तक निकाले गए मार्च में आईआईटी बॉम्बे, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस के अलावा कई दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के स्टूडेंट्स शामिल हुए। विरोध-प्रदर्शनों में दीया मिर्जा, जोया अख्तर, राहुल बोस, विशाल भारद्वाज, तापसी पन्नू जैसी फिल्मी हस्तियाँ भी नजर आईं। प्रदर्शन में शामिल स्टूडेंट्स ने कहा कि आज यह जेएनयू के साथ हुआ, कल किसी और के साथ होगा और फिर हमारे साथ भी हो सकता है। ऐसे में इसके खिलाफ आवाज उठानी जरूरी है। रैली के दौरान ‘हमें चाहिए आज़ादी‘ और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाए गए।
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