Saturday, July 27, 2024
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बिजली बिल माँगने घर पहुँचे लोगों को बाँधकर रखे जनता: झामुमो सांसद

हांसदा ने कहा कि उपभोक्ताओं को नियमित बिजली नही मिल पा रही और बिजली दर में भी बढ़ोत्तरी की गई है। उनका कहना है कि जो सरकार 24 घंटे बिजली नहीं दे सकती, उसे बिजली बिल लेने का भी हक नही है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष और राजमहल संसदीय क्षेत्र के सांसद विजय हांसदा ने बिजली बिल को लेकर विवादित बयान दिया है। पिछले कुछ दिनों से झामुमो द्वारा झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए संसद में जमकर हंगामा किया जा रहा है। इसी बीच पाकुड़ा परिसदन में ग्रामीणों एवं कार्यकर्ताओ की समस्याँ सुनने पहुँचे विजय हांसदा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिजली बिल न दें और यदि कोई बिजली बिल माँगने आए तो उसे बाँध कर बैठा दें।

इस दौरान हांसदा ने कहा कि रघुवर सरकार 24 घंटे बिजली देने का दावा कर रही है और उपभोक्ताओं को नियमित बिजली नही मिल पा रही और बिजली दर में भी बढ़ोत्तरी की गई है। उनका कहना है कि जो सरकार 24 घंटे बिजली नहीं दे सकती, उसे बिजली बिल लेने का भी हक नही है। एक घंटा बिजली लेने और पैसा देने के लिए जनता नहीं बैठी है। अनियमित बिजली आपूर्ति में सुधार की माँग को लेकर सदन और सड़क दोनों जगह झामुमो ने आवाज उठाई, पर सरकार है जो कुछ सुन ही नही रही। अब पब्लिक के पास एक ही रास्ता बच गया है कि जो कोई घर में बिजली बिल का भुगतान माँगने पहुँचे, उसे बाँधकर बैठाया जाए।  

उन्होंने इसके लिए सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि एक घंटा बिजली देने से अच्छा है कि बिजली काट ही देना चाहिए। ग्रामीणों एवं उनके समर्थकों द्वारा लगातार ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में बिजली आपूर्ति सही तरीके से नहीं किए जाने के मामले को उनके समक्ष रखने पर उन्होंने ये बातें कहीं। सांसद हांसदा ने कहा कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनो का होना जरूरी है।

गौरतलब है कि, झारखंड विधानसभा में शुक्रवार (जुलाई 26, 2019) को एक बार फिर मुख्य विपक्षी दल ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा’ ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था, जिसकी वजह से विधानसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी थी। राज्य विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही प्रारंभ हुई, मुख्य विपक्षी झामुमो ने विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सदन के बाहर प्रदर्शन किया और राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाया और इन मामलों की जाँच सदन की समिति से कराने की माँग की।

इस मुद्दे पर सरकार की ओर से कोई उत्तर न मिलने पर झामुमो सदस्य अध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गए और नारेबाजी करने लगे। जिसके बाद मामला शांत न होता देखकर विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव ने विधानसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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