जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हॉस्टल की बढ़ी हुई फीस को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्रालय ने तीन सदस्यीय एक समिति गठित की है, जो जेएनयू की सामान्य कार्यप्रणाली बहाल करने के तरीकों पर सुझाव देगी। इधर विरोध-प्रदर्शन के कारण मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस के आदेश के बाद उद्योग भवन, लोक कल्याण मार्ग, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट और पटेल चौक मेट्रो स्टेशन पर सेवाओं को ठप्प कर दिया गया है।
जेएनयू में प्रबंधन और छात्रों के बीच पिछले कई दिन से जारी विवाद के समाधान के लिए सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर वीएस चौहान की अगुवाई में तीन सदस्यीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पक्षों से बातचीत कर जेएनयू के विवाद का समाधान सुझाएगी। राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने उपद्रवी छात्रों की आलोचना करते हुए कहा कि ये सभी बदतमीज हैं और इन्हें जेल भेजने की जरूरत है। स्वामी ने कहा कि जेएनयू को 2 साल के लिए बंद कर के छात्रों को किसी अन्य यूनिवर्सिटी में भेज देना चाहिए।
सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि जेएनयू में कामकाज को सामान्य कैसे किया जाए। यह समिति इस संबंध में विचार-विमर्श कर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। समिति के अन्य सदस्यों में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एसआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्रबुधे और यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन हैं।
R. Subrahmanyam, Education Secretary,
— ANI (@ANI) November 18, 2019
Ministry of HRD: MHRD has appointed a high power committee for discussion with students and administration for peaceful resolution of all issues. #JNU pic.twitter.com/J7Y9GlhfsT
समिति शांतिपूर्ण समाधान के लिए छात्रों और जेएनयू प्रशासन के बीच तुरंत बातचीत शुरू करेगी। मानव संसाधान विकास मंत्रालय में शिक्षा सचिव आर सुब्रमण्यम ने बताया कि उच्चाधिकार समिति जेएनयू छात्रों और प्रशासन के साथ विचार विमर्श कर सभी मसलों का शांतिपूर्वक समाधान ढूँढेगी।
इसके बावजूद छात्रों का संसद मार्च जारी है। संसद भवन की तरफ जाने की लगातार कोशिश करने के बावजूद पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद जेएनयू छात्रों ने अपना रास्ता बदल लिया है। अब वे वसंत विहार की ओर से मुड़कर संसद की तरफ जाने की कोशिश कर रहे हैं और वसंत विहार थाने तक पहुँच चुके हैं। एक तरफ छात्रों का कहना है कि वो किसी भी हालत में संसद पहुँच कर रहेंगे, वहीं पुलिस ने सभी रास्तों पर छात्रों को रोकने के पुख्ता इंतजाम किया हुआ है।
लगातार संसद जाने को लेकर पुलिस के साथ धक्का-मुक्की कर रहे जेएनयू छात्रों ने छात्रसंघ अध्यक्ष समेत कई छात्रों को हिरासत में लिए जाने के बाद एक नई माँग उठाई है। छात्रों का कहना है, “हमें पुलिस ‘मास अरेस्ट’ कर ले, लेकिन आज हम संसद तक जाकर रहेंगे।” बता दें कि अब तक तीन से ज्यादा बसों में भरकर मार्च कर रहे छात्रों को हिरासत में ले लिया गया है।