Saturday, April 27, 2024
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JNU की लाइब्रेरी में गुंडई को NSUI का साथ: सुरक्षाकर्मियों से मारपीट, तोड़फोड़ कर घुसे छात्रों पर FIR

जेएनयू प्रशासन यह बता चुका है कि फिलहाल शैक्षणिक कार्यों को शुरू करने के लिए कोई गाइडलाइन नहीं जारी की गई है। फिर भी एनएसयूआई ने जेएनयू प्रशासन को ‘संघी’ कहकर आरोप लगाया है कि वह जानबूझकर लाइब्रेरी बंद रखना चाहता है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की भीमराव आंबेडकर लाइब्रेरी में तोड़फोड़ करने और सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट करने के आरोप में कुछ छात्रों पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी इन छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घटना मंगलवार (08 जून 2021) की बताई जा रही है। पुलिस के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जेएनयू के 35-40 छात्र बीआर आंबेडकर लाइब्रेरी के बाहर जमा हो गए। Covid-19 के कारण लाइब्रेरी फिलहाल छात्रों के लिए बंद की गई थी। इसके बाद छात्रों ने विरोध करना शुरू का दिया और गार्ड से लाइब्रेरी खोलने के लिए कहा।

दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में साफ तौर पर कहा गया है कि लाइब्रेरी के बाहर जमा छात्रों ने गेट पर लाठी-डंडे बरसाए और वहाँ उपस्थित सुरक्षाकर्मियों के साथ बदतमीजी की। सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों के इस समूह को लाइब्रेरी में घुसने से रोकने का प्रयास किया। लेकिन छात्रों ने एक छोटे से दरवाजे पर लगा ग्लास तोड़ दिया और जबरदस्ती लाइब्रेरी के अंदर घुस गए।

दिल्ली के वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में पाँच छात्रों को नामजद करते हुए एफआईआर दर्ज की गई है और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से घटना में शामिल अन्य आरोपितों की पहचान की जा रही है। जेएनयू प्रशासन का कहना है कि लाइब्रेरी तोड़कर अंदर घुसे नामजद 5 आरोपितों समेत अन्य छात्रों ने कोविड प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन किया। घटना की गंभीरता को देखते हुए 5 नामजद आरोपितों सहित अन्य के खिलाफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी ऐक्ट, डीडीएमए ऐक्ट, महामारी अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।   

इसके अलावा 10 जून को जेएनयू प्रशासन द्वारा सर्कुलर जारी किया गया। इसमें कहा गया कि दिल्ली सरकार द्वारा अभी भी Covid-19 कर्फ्यू नहीं हटाया गया है और न ही सरकार द्वारा सामान्य शैक्षणिक गतिविधियों के लिए कोई गाइडलाइन जारी की गई है। ऐसे में छात्रों ने कोविड प्रोटोकॉल्स का उल्लंघन किया है और सुरक्षाकर्मियों सहित अन्य लोगों के जीवन को खतरे में डाला है। सर्कुलर में कहा गया कि घटना में शामिल सभी छात्रों के खिलाफ विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

कॉन्ग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने लाइब्रेरी खोलने की माँग कर रहे छात्रों का समर्थन किया। हालाँकि जेएनयू प्रशासन यह बता चुका है कि दिल्ली सरकार की ओर से फिलहाल शैक्षणिक कार्यों को शुरू करने के लिए कोई गाइडलाइन नहीं जारी की गई है, लेकिन फिर भी एनएसयूआई ने जेएनयू प्रशासन को ‘संघी’ कहकर यह आरोप लगाया कि प्रशासन जानबूझकर लाइब्रेरी बंद रखना चाहता है।

ज्ञात हो कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान जेएनयू में 74 छात्र और स्टाफ सदस्य संक्रमित हो गए थे। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने नाम न छपने की शर्त पर बताया था कि जेएनयू से क्वारंटीन सेंटर में भर्ती किए गए अधिकांश छात्र और स्टाफ सदस्यों का ऑक्सीजन स्तर 40% से भी कम हो गया था। एक-दो को छोड़कर बाकी को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ा था।   

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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