देश में फिलहाल कॉन्ग्रेस के टूलकिट का मुद्दा गरमाया हुआ है। इसी बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें कमलनाथ कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं से किसानों के मुद्दे पर ‘आग लगाने’ के लिए कहते हुए सुने जा सकते हैं।
20 सेकंड का यह वीडियो मध्य प्रदेश की भाजपा इकाई द्वारा जारी किया गया है। इस वीडियो में कमलनाथ एक वर्चुअल मीटिंग में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं। मीटिंग में कमलनाथ ने कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि किसानों के न्याय के लिए लड़ा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ‘आग लगाने’ का यह सही समय है।
कमलनाथ जी, आपने पूरा जीवन आग लगाने के सिवाय किया क्या है?
— VD Sharma (@vdsharmabjp) May 21, 2021
किसानों के हित में लिए गये निर्णय पर भी आप उनको गुमराह करने और आग भड़काने का कार्य कर रहे हैं।
जनहित से आपको कोई सरोकार नहीं है, आपको सिर्फ राजनीति करनी है।
शर्म आनी चाहिए आपको। pic.twitter.com/MEZecuiHC2
कमलनाथ ने वीडियो में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा, “तुम लोगों को आग लगानी है। मैंने कहा था ये आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ न्याय हो और दूसरा काम है आग लगाओ।“ कमलनाथ के इस वीडियो पर मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि कमलनाथ किसानों के हित में लिए गए निर्णय पर भी उन्हें गुमराह करने और आग भड़काने का कार्य कर रहे हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 6 महीनों से किसान आंदोलन चल रहा है। इसमें कोई शक नहीं है कि यह आंदोलन एक राजनैतिक आंदोलन है। केंद्र सरकार को बदनाम करने के लिए कॉन्ग्रेस ने इस आंदोलन को हवा दी। आंदोलन में दीप सिद्धू और खालसा ऐड जैसे कई खालिस्तानी समर्थक भी सक्रिय हुए।
कमलनाथ के बयान पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए क्योंकि पहले किसान आंदोलन को पंजाब कॉन्ग्रेस के कई नेताओं का समर्थन प्राप्त था। लेकिन बाद में जब प्रदर्शन बढ़ता गया और हिंसक हुआ तब कॉन्ग्रेस के नेताओं ने इससे दूरी बना ली। 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में किसानों का यह प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
कमलनाथ का वीडियो ऐसे समय सामने आया है, जब कॉन्ग्रेस का टूलकिट देश के सामने आ चुका है। इस टूलकिट में केंद्र की मोदी सरकार को बदनाम करने और कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान सरकार पर असफलता का आरोप लगाने के लिए व्यवस्थित रूप में रणनीति बताई गई है। टूलकिट में कुंभ मेला को भी बदनाम करने की बात कही गई है और साथ ही यह भी कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया और देश की फ्रेंडली मीडिया के जरिए कैसे पीएम मोदी को निशान बनाया जाए।