शिवसेना सांसद संजय राउत ने इंदिरा गाँधी और अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला को लेकर दिए अपने कल के बयान से पीछे हटते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा गाँधी परिवार का सम्मान किया है। अगला पैंतरा चलते हुए उन्होंने अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला की तुलना अब्दुल गफ्फार खान से कर दी।
#BREAKING – Shiv Sena MP Sanjay Raut backtracks from his earlier statement.
— News18 (@CNNnews18) January 16, 2020
Under fire over his comments, Sanjay Raut clarifies.
I have always respected the Gandhi family: Sanjay Raut.@vinivdvc with details pic.twitter.com/gIABXwdcqZ
अपने बयान पर सफ़ाई पेश करते हुए राउत ने कहा,
“राजीव गाँधी, गाँधी परिवार के बारे में जितना रिस्पेक्ट मैंने अपोजिशन में होते हुए भी दिखाया है, उतना और किसी ने नहीं दिखाया। आपने मेरे वक्तव्य पहले भी सुने होंगे, जब-जब इंदिरा गाँधी पर लोगों ने हमला किया, जब-तब मैंने इंदिरा गाँधी का बचाव किया।”
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए संजय राउत ने कहा कि करीम लाला से बहुत लोग मिलने आते थे। करीम लाला अफ़ग़ानिस्तान से आए पठानों के नेता थे, उन्होंने ‘पख्तून-ए-हिंद’ नामक एक संगठन का नेतृत्व भी किया था। उनसे बहुत से लोग मिलने के लिए जाया करते थे। इसमें कई राजनेता भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि जो भी नेता उनसे मिलने आते थे, उनसे पठान नेता के रूप में मुलाकात करते थे। वह लोगों की समस्या जानने के लिए मिलते थे। इसके बाद संजय राउत ने वही घिसा-पिटा राजनीतिक डायलॉग भी चिपका दिया – “जो लोग मुंबई का इतिहास नहीं जानते हैं, वो मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।”
Kareem Lala was leader of Pathan community, he led an organisation called ‘Pakhtun-e-Hind’. It was in this capacity of the leader of Pathan community that he met several top leaders including Indira Gandhi
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) January 16, 2020
However, those who do not the history of Mumbai, r twisting my statement
राउत ने अंडरवर्ल्ड डॉन के रुतबे का बखान करते हुए कहा कि उस वक्त का माहौल अलग था। उन्होंने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि इंदिरा गाँधी के अलावा देश के और भी कई पूर्व प्रधानमंत्री रहे हैं, जो करीम लाला से मिलते थे।
संजय राउत ने मुंबई में अंडरवर्ल्ड के दिनों को याद करते हुए कहा कि दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और शरद शेट्टी जैसे गैंगस्टर महानगर और आस-पास के क्षेत्रों पर नियंत्रण रखते थे। शिवसेना सांसद और राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि वो अंडरवर्ल्ड के दिन थे। बाद में, हर कोई (डॉन) देश छोड़कर भाग गया। लेकिन, अब ऐसा कुछ नहीं है।
ग़ौरतलब है कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार (15 जनवरी) को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि करीम लाला, मस्तान मिर्जा उर्फ़ हाजी मस्तान और वरदराजन मुदलियार मुंबई के टॉप माफ़िया सरगनाओं में से एक थे, जो 1960 से लेकर अस्सी के दशक तक सक्रिय रहे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि वही तय करते थे कि मुंबई का पुलिस आयुक्त कौन बनेगा, मंत्रालय (सचिवालय) में कौन बैठेगा। राउत ने दावा किया कि हाजी मस्तान के मंत्रालय में आने पर पूरा मंत्रालय उसे देखने के लिए नीचे आ जाता था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को लेकर एक बड़ा बयान देते हुए राउत ने कहा था कि इंदिरा गाँधी अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने पाइधोनी (दक्षिण मुंबई) आती थीं।
कॉन्ग्रेस क्या तो बचाए… अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन, RaGa को या फिर इंदिरा गाँधी की नाक?