Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिइंदिरा गाँधी जिस अंडरवर्ल्ड डॉन से मिलने जाती थीं, वो एक अफगानी तस्कर था:...

इंदिरा गाँधी जिस अंडरवर्ल्ड डॉन से मिलने जाती थीं, वो एक अफगानी तस्कर था: शिवसेना नेता के बयान पर हंगामा

"इंदिरा गाँधी गैंगस्टर करीम लाला से मिलने पाइधोनी (दक्षिण मुंबई) आती थीं। हाजी मस्तान तो जब भी मंत्रालय में आता था, तब पूरा मंत्रालय उसे देखने नीचे आ जाता था।"

महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर प्रदेश में गठबंधन की सरकार बनाने के लिए अपना महत्तवपूर्ण योगदान देने वाले शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार (जनवरी 15, 2020) को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को लेकर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने मीडिया समूह को दिए एक साक्षात्कार में दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी गैंगस्टर करीम लाला से मिलने पाइधोनी (दक्षिण मुंबई) आती थीं।

sanjay-raut_011620122737.jpg

उन्होंने मुंबई अंडरवर्ल्ड की बात करते हुए ये भी कहा कि एक दौर था जब दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और शरद शेट्टी मुंबई के पुलिस कमिश्नर तय किया करते थे। साथ ही ये निर्धारित करते थे कि सचिवालय में कौन बैठेगा। उनके मुताबिक गैंगस्टर हाजी मस्तान तो जब भी मंत्रालय में आता था, तब पूरा मंत्रालय उसे देखने नीचे आ जाता था। जबकि इंदिरा गाँधी खुद करीम लाला से मिलने आती थीं।

मीडिया समूह को साक्षात्कार देते हुए संजय राउत ने दावा किया कि उन्होंने दाऊद इब्राहिम सहित कई गैंगस्टरों की तस्वीरें खींची है। शिवसेना नेता ने यह भी दावा किया कि उन्होंने एक बार दाऊद इब्राहिम को फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा, “मैंने उसे देखा है, मैं उससे मिला हूँ, मैंने उससे बात की है और मैंने उसे फटकार भी लगाई।”

कौन था करीम लाला?

करीम लाला मूल रूप से अफगानिस्तान के कुनार प्रांत का निवासी था। उसका असली नाम अब्दुल करीम शेर खान था और उसका जन्म सन 1911 में हुआ था। बताया जाता है करीम पश्तून समुदाय का आखिरी राजा था। उसका परिवार काफी संपन्न था। वह कारोबारी खानदार से ताल्लुक रखता था। जिंदगी में ज्यादा कामयाबी हासिल करने की चाह में वो हिंदुस्तान आया और 1960 से 1980 के बीच में मुंबई अंडरवर्ल्ड का एक बड़ा नाम बन गया। वह मुंबई में कच्ची शराब की भट्ठियाँ और जुए के अड्डे चलवाता था। तस्करी में उसकी हाजी मस्तान से होड़ रहती थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज भले ही हाजी मस्तान मिर्जा को मुंबई अंडरवर्ल्ड का पहला डॉन कहा जाता है। लेकिन, कई रिपोर्ट्स के अनुसार अंडरवर्ल्ड के जानकार बताते हैं कि सबसे पहला माफिया डॉन करीम लाला था। जिसे खुद हाजी मस्तान भी असली डॉन कहा करता था। करीम लाला का आतंक मुंबई में सिर चढ़कर बोलता था। मुंबई में तस्करी समते कई गैर कानूनी धंधों में उसके नाम की तूती बोलती थी। लोग ये भी कहते हैं कि वह जरूरतमंदों और गरीबों की मदद भी करता था।

21 साल की उम्र में अफगानिस्तान से भारत आने का फैसला करने वाला अब्दुल करीम शेर खान पाकिस्तान के पेशावर शहर के रास्ते मुंबई पहुँचा था। उसने यहाँ पहले दिखावे के लिए कारोबार शुरू किया लेकिन असल में वे डॉक से हीरे जवाहरात की तस्करी करने लगा था। सन् 1940 तक उसने इस काम में इतनी पकड़ बना ली थी कि तस्करी के धंधे से उन्हें बहुत मुनाफा होने लगा। देखते ही देखते उसने कई जगहों पर दारू और जुए के अड्डे खोल दिए। समय के बढ़ने के साथ मुंबई में उसका खौफ और उसका नाम दोनों बढ़ते गए।

करीम लाला ने बतौर गैंगस्टर कई मामलों में मध्यस्थता कर उन्हें सुलझवाया। धीरे-धीरे वो इतना लोकप्रिय हुआ कि हर समाज और संप्रदाय के लोग उसके पास मदद मांगने आने लगे। उसके यहाँ अमीर और गरीब में कोई फर्क नहीं होता था। वह जरूरतमंदों और गरीबों की मदद करता था। और, तलाक चाहने वाले लोगों को अक्सर समझाता था कि तलाक समस्या का हल नहीं होता।

इन सबके अतिरिक्त करीम लाला फिल्म उद्योग के करीब था। उसने एक बार हेलन की मदद की थी। लेकिन दाऊद का दौर शुरू होते ही वो परेशान रहने लगा था। दोनों के बीच धंधे को लेकर विवाद बढ़ गए थे। मारपीट शुरू हो गई थी। कहा जाता है एक बार दाऊद इब्राहिम को करीम लाला ने जमकर पीटा था। जिसके बाद दाऊद को गंभीर चोट आई थी। इसके बाद दोनों के बीच दुश्मनी और नफरत इस कदर बढ़ गई कि 1981 में करीम लाला के पठान गैंग ने दाऊद इब्राहिम के भाई शब्बीर की दिन दहाड़े हत्या कर दी थी। शब्बीर के कत्ल से दाऊद इब्राहिम तिलमिला उठा और उससे बदला लेने की ठान बैठा। 1981 से 1985 तक दोनों की गैंग के बीच में गैंगवार होती रही। जिसके कारण कई दर्जन लोग मारे गए। धीरे-धीरे दाऊद की कंपनी ने मुंबई से करीम लाला का सफाया कर दिया और साल 2002 में 90 साल की उम्र में करीम लाला की मौत हो गई।

आज संजय राउत द्वारा करीम लाला और पूर्व पीएम इंदिरा गाँधी का नाम एक साथ लेने के कारण ये नाम फिर सुर्खियों में आ गया। वरना अब मुंबई में अंडरवर्ल्ड का ऐसा कोई प्रकोप नहीं है।

जमात-ए-इस्लामी के प्रोग्राम को शिवसेना का साथ: CAA के विरोध में संजय राउत ‘हिंदू-विरोधी’ कोलसे के साथ होंगे शामिल

‘Free Kashmir’ मतलब फ्री इंटरनेट, फ्री मोबाइल सर्विस: ‘पेंडुलम हिंदुत्व’ वाले शिवसेना नेता संजय राउत की सफाई

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -