तमाम आलोचनाओं और सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों के बाद दिल्ली सरकार ने अपनी साख बचाने के लिए गुरुवार (जून 27, 2019) को अंकित सक्सेना और ध्रुव त्यागी के परिवार वालों को 15-15 लाख रुपए के चेक सौंप दिए। साथ ही अंकित के पिता की इच्छा के अनुसार उन्हें अच्छा वकील देने की भी बात कही और उनकी इस बात पर भी हामी भर दी है कि घर के पास के चौक का नाम अंकित के नाम पर रखा जाए। लेकिन सवाल यह है कि अंकित की हत्या के 16 महीने बाद और ध्रुव त्यागी की हत्या के 4 महीने बाद केजरीवाल को मदद करने की सुध क्यों और कैसे आई?
दरअसल, पिछले साल फरवरी में अंकित की बेरहमी से मौत के बाद दिल्ली सरकार ने पीड़ित परिवार के लिए 5 लाख की आर्थिक मदद का ऐलान किया था, लेकिन 1 साल 4 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने परिवार की जब कोई सुध नहीं ली तो, सरकार के ख़िलाफ़ आवाजें उठने लगीं।
झारखंड मामले में तबरेज़ की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद के ऐलान के बाद तो आम आदमी पार्टी के पूर्व सदस्य कपिल मिश्रा ने भी अंकित और ध्रुव त्यागी के परिवार आवाज़ बुलंद की और मीडिया की सुर्खियों में भी अंकित और ध्रुव त्यागी को लेकर सवाल पूछे जाने लगे। नतीजतन शाम तक यह खबर आ गई कि दोनों परिवारों को मुआवजा राशि खुद उप- मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उनके घर जाकर देकर आएँ।
केजरीवाल सरकार झारखंड में जिस चोर को पब्लिक ने मार डाला उसके परिवार को पांच लाख रुपये और चोर की बीबी को सरकारी नौकरी दे रही हैं क्योंकि वो एक मुसलमान हैं
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 27, 2019
ध्रुव त्यागी और अंकित सक्सेना की हत्या दिल्ली में हुई पर उन्हें एक रुपया नहीं दिया क्योंकि वो हिन्दू हैं https://t.co/QKZ7d27cX1
कपिल मिश्रा ने हाल ही में ट्वीट करके केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा था, “केजरीवाल सरकार झारखंड में जिस चोर को पब्लिक ने मार डाला उसके परिवार को पाँच लाख रुपये और चोर की बीबी को सरकारी नौकरी दे रही हैं क्योंकि वो एक मुसलमान हैं, ध्रुव त्यागी और अंकित सक्सेना की हत्या दिल्ली में हुई पर उन्हें एक रुपया नहीं दिया क्योंकि वो हिन्दू हैं।”
इसके अलावा मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी आप सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार धर्म के नाम पर घिनौना खेल रही है। उन्होंने अंकित के पिता को एक रुपया भी नहीं दिया और तबरेज के परिवार को 5 लाख रुपए मिल रहे हैं। जनता केजरीवाल को धर्म की राजनीति करने पर जरूर सबक सिखाएगी।
केजरीवाल सरकार को 16 महीने बाद आई अंकित सक्सेना की याद, दिया 15 लाख का मुआवजा https://t.co/hPfDIq0j7f pic.twitter.com/6viz2SzNC3
— खबरों की चौपाल (@kkcnewsup) June 27, 2019
गौरतलब है इससे पहले खुद अंकित के पिता भी दिल्ली सरकार द्वारा वादे न पूरा किए जाने पर सवाल उठा चुके थे, लेकिन मुआवजा मिलने के बाद उनका कहना है कि इन सब में थोड़ा वक्त तो लगता ही है। बता देंं अंकित सक्सेना की हत्या पिछले साल फरवरी की शुरुआत में हुई थी और ध्रुव त्यागी की हत्या इसी साल मार्च में हुई है। दोनों ही घटनाओं में संप्रादायिक एंगल उभर कर सामने आया। एक ओर जहाँ घर के चिराग को खोने के बाद अंकित के माँ-बाप का जीवनयापन मुश्किल हो गया, वहीं ध्रुव त्यागी मामले में घर का मुखिया ही बेटी की आबरू बचाने के लिए बेरहमी से मार दिया गया।