कॉन्ग्रेस सांसद के.सुधाकरन ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मंगलवार (2 फरवरी, 2020) को केरल के मुख्यमंत्री और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता पिनराई विजयन के खिलाफ जातिवादी टिप्पणी की। जिसके चलते विवाद खड़ा हो गया।
कॉन्ग्रेस नेता सुधाकरन ने कन्नूर में एक राजनीतिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री विजयन के हेलीकॉप्टर यात्रा पर कटाक्ष किया था। उन्होंने केरल के सीएम को ताड़ी समुदाय के लोगों से जोड़ते हुए कहा था कि विजयन इतिहास में मजदूर वर्ग के लोगों के ऐसे नेता के रूप में जाने जाएँगे, जिन्होंने एक शानदार जीवन का सुख उठाया है। कॉन्ग्रेस नेता ने आगे कहा कि यह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) को तय करना है कि यह सम्मान की बात है या अपमान की।
के. सुधाकरन ने कहा, “पिनराई का परिवार क्या है? चेठुकरूदे कुडुम्बम् (Chethukarude kudumbam)। पिनाराई विजयन, ताड़ी-निकालने वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाले मजदूर वर्ग में क्रांति भरकर और लाल झंडे को पकड़े हुए आगे बढ़ने वाले, अब वह कहाँ हैं? ताड़ी बनाने वाले परिवार से उठने वाले एक मुख्यमंत्री को यात्रा करने के लिए एक हेलीकॉप्टर की आवश्यकता होती है। वह ऐसा करने वाले केरल के पहले सीएम होंगे।”
गौरतलब है कि पिनाराई विजयन के खिलाफ सुधाकरन द्वारा दिया गया बयान एक जातिवादी टिप्पणी थी। बता दें केरल के सीएम थिया या एझावा (Thiyya or Ezhava) समुदाय के हैं, जिन लोगों को कभी समान अधिकारों से वंचित किया गया था और जिन्होंने परंपरागत रूप से ताड़ी निकालने का काम किया था। भारत सरकार द्वारा ऐसे समुदाय के सदस्यों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
दिलचस्प बात यह है कि सुधाकरन ग्रामीण विकास और अन्य पिछड़े वर्ग के कल्याण पर संसदीय स्थायी समितियों के सदस्य भी हैं। जिसके चलते उनके जातिसूचक टिप्पणी के लिए उन्हें हर जगह से लताड़ा गया। इसके अलावा लोगों ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए यह भी कहा कि वह ताड़ी निकालने वाले लोगों का सहारा लिए बिना केरल के सीएम की शानदार जीवनशैली के बारे में सोच सकते थे।
वहीं उनकी टिप्पणी पर माकपा ने कहा है कि कॉन्ग्रेस नेता का उद्देश्य एक वर्ग के लोगों को नीचा दिखा कर शर्मसार करना था, जिसके चलते वह किसी भी तरह एक सार्वजनिक पद को धारण करने के योग्य नहीं हैं।
वहीं बढ़ते विवाद को देखते हुए सुधाकरन ने अपनी टिप्पणी पर सफाई पेश की है। उन्होंने कहा, उनका बयान विजयन की जाति पर लक्षित नहीं किया गया था, बल्कि इसका उद्देश्य उनकी वर्तमान ‘भव्य जीवन शैली’ को इंगित करना था।
बता दें, रमेश चेन्नीथला की अगुवाई वाली ‘‘ऐश्वर्य यात्रा’’ के दौरान कॉन्ग्रेस नेता की ओर से की गई जातिगत टिप्पणी ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। कॉन्ग्रेस विधायक और केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता चेन्नीथला ने सुधाकरन की आलोचना की और उनसे व्यक्तिगत टिप्पणी करने से परहेज करने को कहा।
वहीं कॉन्ग्रेस के एक अन्य विधायक शनीमोल उस्मान ने सुधाकरन द्वारा दी गई टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और उनसे माफ़ी माँगने के लिए कहा। कॉन्ग्रेस पार्टी मामले को शांत करने की पुरजोर कोशिश में लगी है।
हालाँकि, बाद में चेन्नीथला को अहसास हुआ कि सुधाकरन ने किसी तरह की अभद्र टिप्पणी नहीं की है। इसी तरह अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी के महासचिव के सी वेणुगोपाल और केरल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने भी सुधाकरण को अपना समर्थन दिया है।
हेलीकॉप्टर विवाद के पीछे की कहानी
सुधाकरन के हेलीकॉप्टर टिप्पणी का अंदाजा इस बात से लगाया गया था कि पिनाराई विजयन ने दिसंबर 2017 में केरल के थ्रिशूर (Thrissur) में सीपीआई (एम) पार्टी की बैठक में भाग लेने के लिए एक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया था। केरल आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा पारित एक आदेश में, सरकार ने साइक्लोन ओखी के लिए राज्य राहत कोष का उपयोग करते हुए 8 लाख रुपए, हेलीकॉप्टर से जाने के लिए भुगतान करने की माँग की थी।
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गौरतलब है कि इस मामले पर काफी बवाल हुआ था। जिसके बाद सरकार ने आदेश वापस ले लिया और केरल के सीएम ने आश्वासन दिया कि बकाया भुगतान लोक प्रशासन खाते से किया जाएगा। वहीं पिछले साल हेलीकॉप्टर विवाद एक बार फिर से सामने आया था, जिसमें केरल सरकार ने एक हेलीकॉप्टर की खरीद की थी। हालाँकि, बाद में पिनारयी विजयन ने दावा किया कि आपदा प्रबंधन कार्य के लिए हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता थी।