प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक माने जाने वाले इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में वायनाड से राहुल गाँधी को चुनकर केरल के लोगों ने विनाशकारी काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने राहुल गाँधी का कोई भविष्य नहीं है। केरल साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार (17 जनवरी, 2019) को ‘राष्ट्र भक्ति बनाम अंधराष्ट्रीयता’ विषय पर बोल रहे रामचंद्र गुहा के सुर बदले-बदले से रहे। उन्होंने कहा कि ‘खानदान की पाँचवी पीढ़ी’ के राहुल गाँधी के पास भारतीय राजनीति में ‘कठोर परिश्रमी और खुद मुकाम बनाने वाले’ नरेंद्र मोदी के सामने कोई मौका नहीं है।
Historian Ramachandra Guha: If you Malyalis make the mistake of re-electing Rahul Gandhi in 2024 too, you are merely handing over an advantage to Narendra Modi because Narendra Modi’s great advantage is that he is not Rahul Gandhi. (17.1) https://t.co/i0pgZqJ4V3
— ANI (@ANI) January 18, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘मैं निजी तौर पर राहुल गाँधी के खिलाफ नहीं हूँ। वह सौम्य और सुसभ्य व्यक्ति हैं लेकिन युवा भारत एक खानदान की पाँचवी पीढ़ी को नहीं चाहता। अगर आप (मलयाली लोग) साल 2024 में भी दोबारा राहुल गाँधी को चुनने की गलती करेंगे तो आप नरेंद्र मोदी को फायदा पहुँचाएँगे।’’ वहाँ मौजूद केरल वासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केरल ने भारत के लिए कई बेहतरीन काम किए हैं, लेकिन उन्होंने संसद के लिए राहुल गाँधी को चुनकर एक विनाशकारी कार्य किया है।
Historian Ramachandra Guha: Narendra Modi is self-made. He has run a state for 15 years, he has administrative experience, he is incredibly hard working and he never takes holidays in Europe. I say this with all seriousness. (17.1)
— ANI (@ANI) January 18, 2020
अपनी बात को विस्तार से समझाते हुए रामचंद्र गुहा ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वो राहुल गाँधी नहीं हैं। नरेंद्र मोदी और राहुल गाँधी के बीच अंतर समझाते हुए इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा, “नरेंद्र मोदी ने अपनी शख्सियत खुद बनाई है। उन्होंने खुद यह मुकाम हासिल किया है। वे सेल्फमेड हैं। उन्होंने 15 वर्षों तक एक राज्य को चलाया है। उनके पास प्रशासनिक अनुभव है। वे जबर्दस्त रूप से परिश्रमी हैं और कभी यूरोप में छुट्टियाँ मनाने नहीं जाते। विश्वास करें, मैं ये बातें पूरी गंभीरता के साथ कह रहा हूँ।”
गुहा ने कहा कि आजादी के दौरान ‘महान पार्टी’ रही कॉन्ग्रेस अब ‘दयनीय पारिवारिक कंपनी’ बन चुकी है। हिंदुत्व और अंधराष्ट्रवाद के विकास का यह भी एक महत्वपूर्ण कारण है। गुहा ने कहा कि अगर राहुल गाँधी ‘ज्यादा समझदार, ज्यादा मेहनती होते और कभी यूरोप में छुट्टियाँ नहीं मनाते’ तो भी वह पाँचवीं पीढ़ी के शासक के नाते, अपनी मेहनत से आगे बढ़ने वाले मोदी के आगे फायदेमंद नहीं रहते। इतिहासकार ने सोनिया गाँधी पर भी निशाना साधा। गुहा ने कहा कि सोनिया गाँधी उन्हें ‘खत्म हो चुके मुगल वंश’ की याद दिलाती हैं जो अपने साम्राज्य की स्थिति से अंजान थे।
गुहा ने कहा, ‘भारत लोकतांत्रिक बन रहा और सामंतवाद कम हो रहा है और गाँधी परिवार इसे अभी समझ नहीं रहा है। आप (सोनिया गाँधी) दिल्ली में हो, आपका साम्राज्य लगातार सिकुड़ रहा है लेकिन आपके चमचे आपको अभी भी बता रहे हैं आप अभी भी बादशाह हो।’
उन्होंने गाँधी-नेहरू परिवार के बारे में कहा कि आपके गलतियों की सजा आने वाली सात पीढ़ियों को भुगतना होगा। गुहा ने कहा कि राहुल गाँधी की वजह से नरेंद्र मोदी जवाहर लाल नेहरू का मुद्दा उठाते हैं और कहते हैं कि नेहरू ने ‘चीन में यह किया, कश्मीर में यह किया, तलाक में यह किया।’ उन्होंने कहा कि अगर राहुल गाँधी राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो जाते हैं तो मोदी को अपनी नीतियों और उनकी असफलता के बारे में मजबूरन बात करना ही होगा।
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