नौकरी के बदले जमीन घोटाला (Land for jobs scam) में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली, नोएडा, पटना और मुंबई में 15 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। एजेंसी की रडार पर लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) के बच्चे और करीबी हैं। बीते दिनों इस मामले में लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से CBI ने पूछताछ भी की थी।
इस मामले में सीबीआई बाद ईडी दूसरी एजेंसी है जिसने लालू यादव और उनके करीबियों पर शिकंजा कसा है। रिपोर्टों के मुताबिक ईडी ने दिल्ली में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू यादव की बेटियों रागिनी, हेमा और चंदा के घर पर छापा मारा है। इसके अलावा लालू यादव के सीए के घर समेत 12 अन्य ठिकानों पर छापा मारा गया है। राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व विधायक अबु दोजाना के घर पर भी छापा मारा गया है।
Enforcement Directorate conducts raids at 12 locations including premises of RJD chief Lalu Yadav’s CA and Tejashwi Yadav’s residence in Delhi, in connection with alleged land for jobs scam.
— ANI (@ANI) March 10, 2023
दोजाना के पटना के फुलवारीशरीफ स्थित घर पर ईडी की रेड पड़ी है। दोजाना को लालू परिवार का काफी करीबी माना जाता है। बताया जा रहा है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में ई़डी के चार ऑफिसरों ने अबू दोजाना के घर पर छापा मारा और पूछताछ की।
Bihar | Enforcement Directorate conducts a raid at ex-RJD MLA Syed Abu Dojana’s premises at Phulwari Sharif in Patna.
— ANI (@ANI) March 10, 2023
A team of four members from Patna ED is here for investigation in a disproportionate assets case; further probe underway, says an ED official. pic.twitter.com/b8J7brbdvk
लालू यादव और राबड़ी देवी से हुई थी पूछताछ
बता दें कि मंगलवार (07 मार्च, 2023) को नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में सीबीआई की टीम ने दिल्ली में राजद सुप्रीमो लालू यादव से पूछताछ की थी। उससे पहले सोमवार (06 मार्च, 2023) को सीबीआई की टीम ने पटना में राबड़ी देवी से पूछताछ की थी। इस मामले में राबड़ी देवी, उनके पति लालू प्रसाद यादव के अलावा बेटी मीसा भारती भी आरोपित हैं। मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को समन जारी कर रखा है। तीनों को 15 मार्च 2023 को अदालत में पेश होना है।
क्या है मामला ?
14 साल पहले जिस समय यह घोटाला हुआ था, उस समय लालू प्रसाद यादव यूपीए-1 शासनकाल में केंद्रीय रेल मंत्री थे। रेलवे में नौकरी देने के बदले लालू प्रसाद यादव के परिजनों पर पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन अधिग्रहित करने का आरोप है। बिना विज्ञापन निकाले रिश्वत देने वाले अभ्यार्थियों को तीन दिन के अंदर रेलवे में नौकरी देने का आरोप है। इन उम्मीदवारों द्वारा नौकरी के लिए फर्जी प्रमाण-पत्र का इस्तेमाल करने और रेल मंत्रालय में झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा कराने की बात भी सामने आई थी।