लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहाँ पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व सांसद और कई पूर्व विधायकों ने कॉन्ग्रेस को छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन कर लिया है। इसकी अगुवाई पूर्व केंद्रीय मंत्री और चार बार राज्यसभा सांसद रहे सुरेश पचौरी ने की, जिनके साथ पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी और कई विधायक भी बीजेपी में शामिल हुए।
इन नेताओं ने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामा। सुरेश पचौरी मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस के बड़े नेता माने जाते हैं और ब्राह्मणों में उनकी खूब पैठ है। भोपाल स्थित बीजेपी दफ्तर में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुरेश पचौरी का स्वागत किया और कहा, ‘देर आए, दुरुस्त आए।’
सुरेश पचौरी का राजनैतिक सफर
सुरेश पचौरी ने 1972 में एक युवा कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। 1984 में राज्य युवा कॉन्ग्रेस अध्यक्ष बने। वो कॉन्ग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष भी रहे। लगातार चार बार राज्यसभा सांसद रहे। पचौरी सबसे पहले 1984 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे, इसके बाद वो साल 1990, 1996 और 2002 में फिर से राज्यसभा सांसद बने। पचौरी कॉन्ग्रेस की सरकार में कई मंत्रालयों के केंद्रीय राज्य मंत्री की जिम्मेदारियाँ संभाल चुके हैं।
बीजेपी से जुड़ने वाले कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी 1998 से 2004 तक सांसद रहे थे, इसके बाद वो फिर से 2009 से 2014 तक सांसद रहे। लेकिन कॉन्ग्रेस ने उनका टिकट काट दिया, जिसके बाद से वो नाराज चल रहे थे, यही नहीं, उन्होंने राहुल गाँधी की न्याय यात्रा से भी दूरी बनाए रखी थी।
बीजेपी ज्वॉइन करने वाले नेताओं में इंदौर-1 के पूर्व विधायक संजय शुक्ला भी हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय के सामने कड़ी चुनौती पेश की थी। वो वरिष्ठ नेता विष्णु प्रसाद शुक्ला के बेटे हैं। उनके चचेरे भाई गोलू शुक्ला भी बीजेपी से विधायक हैं। संजय शुक्ला को कमलनाथ का करीबी माना जाता है। ऐसे में जब जीतू पटवारी प्रदेश अध्यक्ष बने, तो उन्हें किनारे लगा दिया गया। तभी से चर्चाएं चल रही थी कि वो बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
सुरेश पचौरी ने दो दिन पहले दिया था कॉन्ग्रेस से इस्तीफा
दो दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा था कि मैंने पूरी ईमानदारी से सरकार और पार्टी की सेवा की, लेकिन आज जिस तरह से पार्टी द्वारा सार्वजनिक और धार्मिक महत्व के मामलों में फैसले लिए जा रहे हैं, उससे मुझे बहुत दुख पहुँचा है। मैं समझता हूँ कि आज कॉन्ग्रेस पार्टी उन सिद्धांतों से भटक गई है जिनके लिए वह चली थी। इसलिए मैं प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ सभी सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ।
इन नेताओं को बीजेपी ज्वॉइन कराने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। हम लोगों को पता था कि जहाँ-जहाँ राहुल गाँधी जाते हैं, वहाँ लोग पार्टी छोड़ देते हैं। हर पार्टी में अच्छे लोग होते है। कोई स्वाभिमानी व्यक्ति ऐसे माहौल में काम नहीं करना चाहता है। राहुल गाँधी अपने बड़े नेताओं का सम्मान नहीं करते हैं।