Sunday, September 1, 2024
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इंदौर में बीजेपी उम्मीदवार शंकर लालवानी की 11.75+ लाख वोटों के अंतर से रिकॉर्ड तोड़ जीत : 2 लाख मतों के साथ दूसरे नंबर पर नोटा

लोकसभा चुनाव में अब तक सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड माकपा के अनिल बसु के नाम था। उन्होंने साल 2004 में पश्चिम बंगाल में बीजेपी के स्वप्न कुमार नंदी को 5 लाख 92 हजार 502 वोटों से हराया था।

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ रहे हैं। मध्य प्रदेश में सभी 29 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को जीत मिल रही है। इसमें से इंदौर लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीरवार ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की है। ये वही सीट है, जहाँ से कॉन्ग्रेस कैंडिडेट ने आखिरी समय में अपना नाम वापस ले लिया था। इस सीट पर बीजेपी कैंडिडेट ने 1,17,5092 मतों से जीत दर्ज की है। हालाँकि यहाँ सबसे ज्यादा चौंकाने वाला प्रदर्शन नोटा ने किया है। बीजेपी कैंडिडेट के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा वोट नोटा को मिले हैं, जो 2 लाख से भी ज्यादा है।

इंदौर लोकसभा सीट पर मतगणना में बीजेपी कैंडिडेट को 12 लाख 26 हजार 751 वोट मिले हैं। दूसरे नंबर पर नोटा है। नोटा को 2 लाख 18 हजार 674 वोट मिले हैं। तीसरे नंबर पर बीएसपी का कैंडिडेट है, जिसे नोटा के चौथाई से भी कम वोट मिला है। बीएसपी कैंडिडेट संजय को 51 हजार 659 वोट ही मिल पाए। बीएसपी कैंडिडेट के मुकाबले नोटा को 4 गुना से भी ज्यादा वोट मिले हैं।

इंदौर में शंकर लालवानी की रिकॉर्ड जीत (फोटो साभार : चुनाव आयोग वेबसाइट)

इंदौर में बना रिकॉर्ड, बीजेपी कैंडिडेट को अब तक की सबसे बड़ी जीत

लोकसभा चुनाव में अब तक सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड माकपा के अनिल बसु के नाम था। उन्होंने साल 2004 में पश्चिम बंगाल में बीजेपी के स्वप्न कुमार नंदी को 5 लाख 92 हजार 502 वोटों से हराया था। आज तक लोकसभा चुनाव में कोई भी उम्मीदवार 6 लाख के अंतर से नहीं जीता था, लेकिन इंदौर में नोटा को हटा दें कि 11 लाख 75 हजार 092 वोटों से बीएसपी उम्मीदवार को हार मिली है। हालाँकि दूसरे नंबर पर नोटा को कैंडिडेट माना जाए, तो भी ये अंतर 10 लाख से ज्यादा का है।

गौरतलब है कि इंदौर से कॉन्ग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना पर्चा वापस ले लिया था और वो बीजेपी में शामिल हो गए थे। इस सीट पर कॉन्ग्रेस का कोई उम्मीदवार ही नहीं था। ऐसे में कॉन्ग्रेस पार्टी ने नोटा को वोट देने की मुहिम चलाई, जिसकी वजह से नोटा को 2 लाख से ज्यादा वोट मिले।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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