मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार पर निशाना साधने के चक्कर में कॉन्ग्रेस का मजाक बन चुका है। अभी कल प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने इंदौर दौरे के दौरान मीडिया में बयान दिया कि उनके प्रदेश में कोरोना मरीजों का रिकवरी दर 64% है और मृत्यु दर केवल 4%।
ऐसे में मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस ने हड़बड़ी में अपने ट्विटर से बेतुका प्रश्न उठाया। जिसके कारण हर जगह उनकी गणित का मजाक उड़ाया गया और बाद में अपनी घटा-जोड़ के कारण हुई फजीहत से उन्हें अपना ट्वीट ही डिलीट करना पड़ा।
दरअसल, मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस ने कल शिवराज सिंह चौहान का बयान आने के बाद ट्विटर पर एक सवाल पूछा कि आखिर जब प्रदेश में 64% रिकवरी दर है, मृत्युदर 4% तो बाकी लोगों का क्या होगा? अपने इस सवाल के लिए उन्होंने दोनों आँकड़ों (64%+4%) को जोड़ा और बाद में 100 में से घटाकर शेष बचे 32% के लिए उन पर निशाना साध दिया।
.@INCMP has deleted this tweet where they added the recoveries and the deaths and asked the government where the balance people were 😂😂😂 pic.twitter.com/6RjkH1BkkH
— Ajit Datta (@ajitdatta) June 9, 2020
मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस यह समझ ही नहीं पाई कि इस गणित में 32% कोरोना के एक्टिव केस हैं और संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों का ही रिकवरी रेट 64% बताया जा रहा है। उन्होंने अपने ट्वीट में प्रदेश मुख्यमंत्री से पूछ डाला कि आखिर 32% लोगों का क्या होगा?
अब इसी को देखकर लोगों ने उनका मजाक उड़ाना शुरू किया। एक यूजर ने पूछा कि क्या प्रदेश में 100 प्रतिशत लोग कोरोना पॉजिटिव थे? कुछ लोगों ने इस ट्वीट को देखकर यहाँ यथा राजा तथा प्रजा वाला तंज कसा। किसी ने कहा कि कॉन्ग्रेस में कॉमन सेंस की ही कमी है।
कहाँ हुई मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस से गड़बड़?
दरअसल, शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया को दिए बयान में कोरोना संक्रमितों के हालात बताए थे। मसलन मध्य प्रदेश में कोरोना के कुल 9401 मामले आए हैं और इनमें से 6331 ठीक हो चुके हैं। तो उसके हिसाब से इस समय वहाँ का रिकवरी दर हुआ 64%।
ऐसे ही मृत्यु दर भी कुल मृतकों की संख्या और कुल संक्रमितों की संख्या को ध्यान में रखकर निकाला जाएगा। जैसे प्रदेश में अब तक मृतकों की संख्या 412 हो गई है। जबकि कुल संक्रमित मामले 9401 हो गए हैं। ऐसे में वहाँ का मृत्यु दर 4% है। इसका साफ मतलब है कि 3070 केस अभी वर्तमान में सक्रिय हैं। जिसका हिसाब एमपी कॉन्ग्रेस माँगना चाहती थी।
MP statistic:
— Ketan (@KetanIndi) June 9, 2020
Total confirmed: 9401. Total recovered: 6331 (67%)
Total Death: 412 (4%)
That means 3070 nos. are active case, and @INCMP don’t know this simple mathematics
मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस को क्या समझना चाहिए?
इस गणित के अलावा एक बात और जो मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस को ऐसे अटपटे ट्वीट करने से पहले समझनी चाहिए। वो यह कि कभी भी रिकवरी रेट या फिर फैटेलिटी रेट, आपको शेष बचे केसों की क्या स्थिति है, इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं दे सकते। आम भाषा में समझें तो एक अस्पताल का उदाहरण लीजिए।
यदि कोई अस्पताल अपने यहाँ किसी निश्चित बीमारी के संबंध में रिकवरी दर की बात करेगा, तो वह उसी आँकड़े पर बात करेगा, जितने केस उस बीमारी के आए और जितने उसने पूर्ण रूप से ठीक करके भेजे।
या मृत्यु दर पर भी ऐसे ही आँकड़े निकालेगा कि आखिर कितने केस उससे संबंधित कुल आए थे और उनमें से कितनों की उस बीमारी के कारण मौत हुई। न कि वो इसके प्रति जवाबदेह होगा कि बाकी प्रतिशत का क्या स्टेटस है। जाहिर है जो लोग ठीक भी नहीं हुए या जिन्होंने बीमारी से जंग भी नहीं हारी, और तब भी अस्पताल में हैं, उनका इलाज जारी ही होगा।
मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस भविष्य में ऐसे सवाल उठाने से पहले यह जाने कि कुल मामलों में से रिकवरी रेट या मृत्यु दर निकलने के बाद शेष केसों की स्थिति इसलिए भी नहीं बता पाना मुश्किल होता है, क्यूँकि हालात हर बार अलग-अलग होते हैं।
कई बार मरीज एक अस्पताल में आता तो है, मगर असंतुष्ट होकर दूसरे अस्पताल चला जाता है या फिर कभी-कभी दूसरे राज्य। इसके अलावा हालात ऐसे भी होते हैं कि सुविधा न होने के कारण अस्पताल उस मरीज को दूसरी जगह शिफ्ट कर देता है…
इस दौरान, खुद सोचिए अस्पताल उस मरीज को किसी भी श्रेणी में कैसे गिनेगा? या फिर कैसे बताएगा कि उसकी स्थिति क्या है? अस्पताल भी उन्हीं मामलों पर रिकवरी रेट या डेथ रेट बता पाएगा, जितना उसके पास डेटा मौजूद होगा। अन्यथा बाकी सबको वह संक्रमित या बीमार ही बताएगा।