Monday, October 7, 2024
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कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को शिवराज सरकार देगी ₹5000 प्रति माह, फ्री शिक्षा और राशन भी

“ऐसे दु:खी परिवारों को हम बेसहारा नहीं छोड़ सकते हैं। उनका सहारा हम हैं, प्रदेश की सरकार है। ऐसे बच्चों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। वे प्रदेश के बच्चे हैं, प्रदेश उनकी देखभाल करेगा, प्रदेश उनकी चिंता करेगा।"

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि कोरोना काल में माता-पिता को खोने वाले बच्चों को राज्य सरकार हर माह 5000 रुपए पेंशन के तौर पर देगी। इसके अलावा ऐसे बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा और परिवार को फ्री राशन मुहैया कराया जाएगा। यदि ऐसे परिवार के लोग काम करने के इच्छुक होंगे तो सरकार उन्हें अपनी गारंटी पर लोन भी देगी। 

सीएम ने ट्वीट कर कहा, “महामारी ने कई परिवारों को तोड़कर रख दिया। कई परिवार ऐसे हैं, जिनके बुढ़ापे का सहारा छिन गया और कुछ ऐसे बच्चे हैं, जिनके सिर से पिता का साया उठ गया है। वे बच्चे, जिनके पिता, अभिभावक का साया उठ गया और कोई कमाने वाला नहीं है, इन परिवारों को ₹5000 प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी।”

दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, “ऐसे सभी बच्चों की शिक्षा का नि:शुल्क प्रबंध किया जाएगा, ताकि वे अपनी पढ़ाई-लिखाई जारी रख सकें। पात्रता ना होने के बावजूद भी ऐसे परिवार को फ्री राशन दिया जाएगा, ताकि भोजन का इंतजाम हो सके।”

उन्होंने कहा है, “यदि ऐसे परिवार में कोई सदस्य ऐसा है या हमारी जिस बहन के पति नहीं रहे और वो कोई काम-धंधा करना चाहें तो सरकार की गारंटी पर बिना ब्याज के उन्हें ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा, ताकि फिर से वे जीवन यापन के लिए अपना काम-धंधा प्रारंभ कर सकें।”

उन्होंने लिखा, “ऐसे दु:खी परिवारों को हम बेसहारा नहीं छोड़ सकते हैं। उनका सहारा हम हैं, प्रदेश की सरकार है। ऐसे बच्चों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। वे प्रदेश के बच्चे हैं, प्रदेश उनकी देखभाल करेगा, प्रदेश उनकी चिंता करेगा।”

बता दें कि देश में जहाँ कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा है, वहीं मध्यप्रदेश भी इसके प्रकोप से अछूता नहीं है। बुधवार को राज्य से कोरोना के 8 हजार पॉजिटिव केस आए। वहीं 10 से ज्यादा हजार लोग ठीक भी हुए। जानकारी के मुताबिक राज्य में अब तक 7 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं। इनमें से 5 लाख ठीक हुए हैं, जबकि 6,679 लोगों की मौत हुई है। वर्तमान में वहाँ 1.09 लाख मरीज हैं जिनका इलाज चल रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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