महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 12 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं। वे इस महीने के अंत तक पार्टी का दामन थाम सकते हैं। यह दावा रिपब्लिक टीवी ने किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक इन विधायकों में से अधिकतर पश्चिमी महाराष्ट्र से हैं और बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में हैं।
रिपब्लिक टीवी को सूत्रों ने बताया कि एनसीपी के ये विधायक, महाविकास आघाड़ी सरकार के कामकाज के तरीके से खुश नहीं हैं। उन्हें अभी भी उन बातों को लेकर सुनाया जाता है, जब उन्होंने 2019 में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार का समर्थन कर भाजपा साथ मिलकर अल्पकालिक सरकार बनाई थी।
बता दें कि पिछले महीने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विपक्ष को सरकार गिराने की चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि जिस किसी को उनकी सरकार गिरानी हो वो आज ही ऐसा कर सकते है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि उनकी सरकार तीन पहियों की रिक्शा है और ये वो गरीबों का है जिसकी स्टेयरिंग उनके हाथों मे है।
उन्होंने कहा था कि उनके गठबंधन के साथी, एनसीपी और कॉन्ग्रेस “सकारात्मक” हैं और महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार उनके अनुभव से लाभान्वित हो रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ये बातें शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए एक इंटरव्यू में कही थी।
हालाँकि राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी के 12 विधायकों के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की खबरों को पार्टी के प्रवक्ता और उद्धव सरकार में मंत्री नवाब मालिक ने अफवाह और मनगढ़ंत बताया है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के कई विधायक उनकी पार्टी के टच में हैं और वे भाजपा छोड़ एनसीपी में आना चाहते हैं।
एनसीपी नेता ने ट्वीट करते हुए कहा, “कुछ लोग 12 एनसीपी विधायकों के बीजेपी में जाने की अफवाह फैला रहे हैं। यह बेबुनियाद और मनगढ़ंत खबर है। चुनाव से पहले बीजेपी में गए विधायक एनसीपी में लौटने के लिए आतुर हैं, लेकिन इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। जल्द फैसला कर जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।”
कुछ लोग 12 एनसीपी विधायकों की बीजेपी में जाने की अफवाह फैला रहें है, यह बे बुनियाद और मनगढन्त खबर है,
— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) August 10, 2020
उलट चुनाव से पहले बीजेपी में गए विधायक एनसीपी में लौटने के लिए आतूर हैं लेकिन इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है जल्द फैसला कर जानकारी सार्वजनिक की जाए गी ।@PTI_News @ani_digital
बता दें कि अक्टूबर, 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन ने चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। लेकिन इसके बावजूद इस गठबंधन की सरकार नहीं बन सकी थी। मुख्यमंत्री किस पार्टी का हो, इसे लेकर बीजेपी और शिवसेना में गंभीर मतभेद उभर आए थे, इसके फलस्वरूप शिवसेना ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया था।
इसके बाद एनसीपी नेता अजित पवार ने अपने चाचा और पार्टी प्रमुख शरद पवार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाते हुए भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देकर गुपचुप तरीके से सरकार बना ली थी। बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस सीएम और अजित पवार डिप्टी सीएम बने थे। हालाँकि, यह सरकार सिर्फ 80 घंटे चली और दोनों को अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ा था।