महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ। कल रात तक चले राजनीतिक समीकरण को चौंकाते हुए बीजेपी-एनसीपी ने मिलकर सरकार बना ली है। देवेंद्र फडणवीस को बतौर मुख्यमंत्री दोबारा राज्य की कमान मिल गई है।
Ajit Pawar after taking oath as Deputy CM: From result day to this day no party was able to form Govt, Maharashtra was facing many problems including farmer issues, so we decided to form a stable Govt pic.twitter.com/GucfUVBCnm
— ANI (@ANI) November 23, 2019
शपथ ग्रहण के बाद एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में किसानों की समस्या प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “हम किसानों की समस्या को हल करने के लिए साथ आए हैं। नतीजे आने के दिन से लेकर आज तक कोई भी पार्टी सरकार बनाने में सक्षम नहीं थी, महाराष्ट्र किसान मुद्दे सहित कई समस्याओं का सामना कर रहा था, इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया।”
Maharashtra Chief Minister, Devendra Fadnavis: I would like to express my gratitude to NCP’s Ajit Pawar ji, he took this decision to give a stable government to Maharashtra & come together with BJP. Some other leaders also came with us and we staked claim to form government. pic.twitter.com/eq1v9syg8z
— ANI (@ANI) November 23, 2019
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी एनसीपी और अजित पवार का आभार व्यक्त किया है। फडणवीस ने कहा, “मैं एनसीपी के अजीत पवार जी का आभार व्यक्त करना चाहता हूँ कि उन्होंने महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देने और बीजेपी के साथ आने का यह फैसला लिया। कुछ अन्य नेता भी हमारे साथ आए और हमने सरकार बनाने का दावा पेश किया।”
BJP President & Union Home Minister, Amit Shah congratulates Devendra Fadnavis & Ajit Pawar on taking oath as Maharashtra Chief Minister and Deputy Chief Minister, respectively. pic.twitter.com/DBX3gBdPOU
— ANI (@ANI) November 23, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री एवं अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर शुभकामनाएँ दी हैं। अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उन्हें विश्वास है कि यह सरकार महाराष्ट्र के विकास और कल्याण के प्रति निरंतर कटिबद्ध रहेगी और प्रदेश में प्रगति के नए मापदंड स्थापित होंगे।
इससे पहले फडणवीस ने कहा था, “लोगों ने हमें एक स्पष्ट जनादेश दिया था, लेकिन परिणाम के बाद भी शिवसेना ने अन्य दलों के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रपति शासन लगाया गया। महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार की जरूरत है, एक ‘खिचड़ी’ सरकार की नहीं।”
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। राज्य में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की माँग को लेकर बीजेपी से 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ने के बाद से राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था।