महाराष्ट्र में भले ही सभी किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान नहीं किया गया हो, लेकिन इसका श्रेय लेने के लिए सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी (शिवसेना-कॉन्ग्रेस-एनसीपी) के मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। एनसीपी और कॉन्ग्रेस के नेता इस बात से नाराज हैं कि शिवसेना अकेले इसका श्रेय लूट रही है। असल में औरंगाबाद, पिंपड़ी-चिंचवाड़, पुणे सहित राज्य के कई हिस्सों में इसका श्रेय लेते हुए जो होर्डिंग लगाए गए हैं, उस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके पिता शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की तस्वीर है।
होर्डिंग में बताया गया है कि शिवसेना ने किसानों की ‘पूर्ण कर्जमाफी’ का वादा पूरा किया। लेकिन, उसकी सहयोगी कॉन्ग्रेस और एनसीपी इससे बहुत उत्साहित नहीं हैं। पुणे कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता रमेश अय्यर ने कहा कि यह एक सामूहिक फैसला है। उचित होता कि इसका श्रेय गठबंधन के सभी साझेदारों को दिया जाता न कि किसी एक पार्टी को।
एनसीपी के विधान पार्षद सतीश चव्हाण ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि यदि शिवसेना ने पोस्टर में साथी दलों के शीर्ष नेताओं की तस्वीर भी लगाई होती तो अच्छा होता। कॉन्ग्रेस नेता नामदेव राव पवार ने कहा कि शिवसेना का यह कदम ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पोस्टर पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गॉंधी की तस्वीर भी होनी चाहिए थी।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था। शनिवार को सरकार स्पष्ट किया कि जिन किसानों का फसल कर्ज दो लाख रुपए से अधिक है उनका कर्ज माफ नहीं होगा। सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में कहा गया है कि महात्मा ज्योतिराव फुले किसान कर्ज माफी योजना के अनुसार एक अप्रैल 2015 और 31 मार्च 2019 के बीच लिया गया दो लाख रुपए तक का कर्ज जो 30 सितंबर 2019 तक चुकाया नहीं गया है, उसे माफ किया जाएगा। जिन किसानों का फसल कर्ज और पुनर्गठन कर्ज दो लाख रुपए से अधिक है उन्हें इस योजना के तहत लाभ नहीं मिलेगा।