महाराष्ट्र में शनिवार (नवंबर 23, 2019) सुबह भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला।बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस ने दोबारा सीएम पद की शपथ ली है। वहीं, एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद पद की शपथ ली है। सुबह करीब आठ बजे राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दोनों नेताओं को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
Mumbai: Devendra Fadnavis takes oath as Maharashtra Chief Minister again, oath administered by Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan pic.twitter.com/PiRuq9SkYh
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NCP’s Ajit Pawar takes oath as Deputy CM,oath was administered by Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan pic.twitter.com/e1wVtiGZJX
— ANI (@ANI) November 23, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर शुभकामनाएँ दी हैं। साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य को लेकर भरोसा जताया है।
PM Modi: Congratulations to Devendra Fadnavis ji and Ajit Pawar ji on taking oath as the CM and Deputy CM of Maharashtra respectively. I am confident they will work diligently for the bright future of Maharashtra. pic.twitter.com/ZLFR3D0Jeh
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सीएम पद की शपथ लेने के बाद फड़णवीस ने कहा, “लोगों ने हमें एक स्पष्ट जनादेश दिया था, लेकिन परिणाम के बाद भी शिवसेना ने अन्य दलों के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रपति शासन लगाया गया। महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार की जरूरत है, एक ‘खिचड़ी’ सरकार की नहीं।”
Devendra Fadnavis after taking oath as Maharashtra CM again: People had given us a clear mandate, but Shiv Sena tried to ally with other parties after results, as a result President’s rule was imposed. Maharashtra needed a stable govt not a ‘khichdi’ govt. pic.twitter.com/6Zmf9J9qKc
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यह घटनाक्रम उस वक्त हुआ है जब एक दिन पहले ही शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस के नेताओं के बीच उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने को लेकर सहमति बनी थी। शुक्रवार (नवंबर 22, 2019) को कॉन्ग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच हुई साझा बैठक के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि शिवसेना सुप्रीमो उद्धव महाराष्ट्र के नए सीएम होंगे। पवार ने यह भी कहा था कि शनिवार (नवंबर 23, 2019) को भी बैठक प्रस्तावित है। मगर इस बीच महाराष्ट्र में बड़ी राजनीतिक उलटफेर देखने को मिला।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। राज्य में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की माँग को लेकर बीजेपी से 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ने के बाद से राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था।