महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार को सत्ता में आए अभी तीन महीने भी पूरे नहीं हुए हैं और हर मसले पर साझेदारों का टकराव सामने आने लगा है। भीमा कोरेगॉंव के बाद अब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर एनसीपी और शिवसेना की तनातनी सामने आ गई है। एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की बात को उनका निजी नजरिया बताकर खारिज कर दिया है। इससे पहले यह सवाल उठने लगा है कि क्या पवार महाराष्ट्र के सुपर सीएम हैं? उनकी नजर में संवैधानिक तरीके से चुने गए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की बातों का कोई मोल नहीं है?
कॉन्ग्रेस और एनसीपी CAA का खुलकर विरोध कर रही है। वहीं सीएम उद्धव ठाकरे ने राज्य में CAA लागू करने की तरफ इशारा किया है। शिवसेना ने लोकसभा में इस संबंध में आए बिल का समर्थन भी किया था। हालॉंकि साझेदारों के दबाव की वजह से उसने बिल पर राज्यसभा में हुई वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
अब उद्धव ने CAA, NRC और NPR के बारे में बात करते हुए कहा है, “अगर NRC लागू किया जाता है तो यह सिर्फ हिन्दू या मुस्लिमों को ही प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि इससे आदिवासी भी प्रभावित होंगे। केन्द्र ने NRC को लेकर अब तक कोई चर्चा नहीं की है। NPR जनगणना है और मैं नहीं मानता हूँ कि इससे कोई प्रभावित होगा, क्योंकि यह तो हर दस साल में होता है।”
Maharashtra CM Uddhav Thackeray: If NRC is implemented then it will affect not only Hindus or Muslims but also Adivasis. Centre has not discussed NRC as of now. NPR is a census, and I don’t find that anyone will be affected as it happens every ten years. https://t.co/e8AdMif6ks
— ANI (@ANI) February 18, 2020
आगे उद्धव ठाकरे ने कहा “CAA और NRC दोनों अलग है। NPR भी अलग है। अगर CAA लागू होता है तो इसके लिए किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। NRC अभी नहीं है और इसे राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।”
NCP Chief Sharad Pawar: Maharashtra CM Uddhav Thackeray has his own view but as far as NCP is concerned, we had voted against #CitizenshipAmendmentAct. https://t.co/e8AdMif6ks pic.twitter.com/VOXpxFhgT9
— ANI (@ANI) February 18, 2020
इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा, “ये महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे का अपना नजरिया है, लेकिन जहाँ तक एनसीपी की बात है, हमने इसके खिलाफ वोट किया है।”
Maharashtra Min&NCP leader Jitendra Awhad: CM Uddhav Thackeray has said that Maharashtra govt will help in obtaining data for the Census which is conducted in the country every 10 yrs. But if anyone tries to do anything beyond it, then state govt will not take part in it.(17.02) pic.twitter.com/TfoDPbIPT7
— ANI (@ANI) February 18, 2020
पवार के अलावा उद्धव सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता जितेंद्र अव्हाड ने इस बाबत कहा, “सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार हर 10 साल पर होने वाली जनगणना के लिए आँकड़ा इकट्ठा करने में मदद करेगी लेकिन अगर कोई इससे ज्यादा कुछ करने की कोशिश करेगा तो सरकार इसमें शामिल नहीं होगी।”
CAA के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भीमा-कोरेगाँव पर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “एलगार परिषद और भीमा कोरेगाँव दो अलग-अलग मामले हैं। भीमा-कोरेगाँव मामला दलित लोगों से जुड़ा हुआ है और मामले से संबंधित जाँच अभी तक केंद्र को नहीं दी गई है और इसे केंद्र को नहीं सौंपा जाएगा। केंद्र ने एल्गार परिषद् के मामले को अपने हाथ में लिया है।”
बता दें कि शरद पवार ने इस पर भी सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था, “मामले की जाँच NIA को सौंपकर केंद्र सरकार ने ठीक नहीं किया और इससे भी ज्यादा गलत बात यह हुई कि राज्य सरकार ने इसका समर्थन किया।” शरद पवार का कहना था कि कानून-व्यवस्था का मामला राज्य का है और राज्य सरकार को केंद्र के ऐसे निर्णय का समर्थन नहीं करना चाहिए।