Sunday, April 28, 2024
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कारोबारी से पैसे लेकर जिस बँगले को चमकाया, अब वहीं से बँध गया महुआ मोइत्रा का बोरिया-बिस्तर: अधिकारी पहुँचे तो चुपचाप चलती बनीं TMC की पूर्व सांसद

दिल्ली हाईकोर्ट ने महुआ की याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा था कि, “याचिकाकर्ता को सरकारी बँगला इसलिए मिला था क्योंकि वह सांसद थीं। उनके संसद से निकाले जाने के बाद उनका यह पद चला गया है।"

संसद में सवाल पूछने के लिए घूसखोरी की दोषी पाई गईं TMC की पूर्व लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा को झटके पर झटके लग रहे हैं। कुछ समय पहले तक ‘शेरनी’ बनकर घूम रही महुआ मोइत्रा की बोलती बंद है। संसद में सवाल पूछने के बदले घूस लेकर उन्होंने जिस सरकारी बँगले को सजाया-सँवारा था, उससे भी महुआ को हाथ धोना पड़ा है। वैसे, तो महुआ मोइत्रा इस बंगले को खाली करने के लिए कई नोटिस मिल चुके थे, इसके बावजूद वो बँगला खाली नहीं कर रही थी।

लेकिन जब संपदा निदेशालय के अधिकारी बँगला खाली करवाने पहुँच ही गए, तो उन्हें बेमन से ऐसा करना ही पड़ा। हालाँकि, एक दिन पहले वो दिल्ली हाईकोर्ट तक में लड़ाई लड़ रही थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने उन्हें कोई राहत देने से इनकार कर दिया था।

लोकसभा से निष्कासित सांसद महुआ मोइत्रा को 2 दिन पहले आखिरी बार नोटिस दिया गया था कि वो अपना बँगला खाली कर दें, वर्ना एजेंसियाँ अपने तरीके से जबरन बंगला खाली करवाएँगी। इसके बाद महुआ मोइत्रा ने हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी दलीलों को मानने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा था। हालाँकि, इसके बावजूद वो बँगला नहीं खाली करने की जिद पर अड़ी थी, लेकिन जब अधिकारी मौके पर पहुँच गए, तो महुआ मोइत्रा बँगला खाली कर चुपचाप चलती बनीं। संपदा निदेशालय के अधिकारियों ने उनके बंगले पर ताला लगा दिया है।

दरअसल, महुआ मोइत्रा ने हाईकोर्ट में तर्क दिया था कि वो फिर से चुनावी मैदान में हैं, इसलिए उन्हें बंगले में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। चूँकि अभी चुनावों की घोषणा नहीं हुई है, ऐसे में हाईकोर्ट ने उनकी दलील को खारिज कर दिया।

दिल्ली हाईकोर्ट ने महुआ की याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा था कि, “याचिकाकर्ता को सरकारी बँगला इसलिए मिला था क्योंकि वह सांसद थीं। उनके संसद से निकाले जाने के बाद उनका यह पद चला गया है। कोर्ट के पास ऐसा कोई नियम नहीं है, जो किसी सांसद के संसद से निकाले जाने के बाद उसके सरकारी घर में रहने सम्बन्धी मसलों से निपटता हो।”

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि उनके संसद से निकाले जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने अभी रोक नहीं लगाई है, इसलिए बँगले से उनको बाहर किए जाने के मामले में उन्हें वह कोई भी राहत संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत नहीं दे सकता। उनकी सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका की सुनवाई 24 जनवरी, 2024 को होगी।

बताते चलें कि उन्हें 8 दिसंबर, 2023 को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद संसद की हाउसिंग कमिटी ने महुआ को एक महीने के अंदर 7 जनवरी, 2024 तक बंगला खाली करने को कहा था। बाकायदा महुआ को 11 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने पत्र भेजकर इस आदेश से अवगत कराया था। इसके बाद 12 दिसंबर को उन्हें तीसरा नोटिस दिया गया, लेकिन इस आदेश को चुनौती देने के लिए वो 18 दिसंबर 2023 को दिल्ली हाई कोर्ट जा पहुँची थीं। हालाँकि अब वो बँगला खाली कर चुकी हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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