ममता बनर्जी ने कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड ग्राउंड में टीएमसी की सबसे बड़ी रैली का आयोजन किया। इसी रैली में उन्होंने इंडी गठबंधन को पीछे छोड़ते हुए पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों के लिए टीएमसी के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इस लिस्ट में एक नाम ऐसा है, जिसका नाम पीएफआई जैसी देश विरोधी संस्थाओं से रहा है, जो लगातार सीएए का विरोध करता रहा है। पीएफआई ने पश्चिम बंगाल की रैली में इस सांसद के आने की भी घोषणा की थी। ये सांसद है मुर्शिदाबाद का अबू ताहेर खान। उसे टीएमसी ने एक बाद फिर से मुर्शिदाबाद लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है।
ममता बनर्जी ने कोलकाता की रैली में घोषणा की है कि वो पश्चिम बंगाल में एनआरसी नहीं लागू होने देंगी और न ही राज्य में किसी को डिटेंशन कैंप में भेजा जाएगा। हकीकत ये है कि अभी एनआरसी लागू करने को लेकर सरकार ने कोई आधिकारिक तारीख नहीं घोषित की है, लेकिन ममता बनर्जी लोगों को सीएए और एनआरसी का डर दिखा रही हैं। खास बात ये है कि मुर्शिदाबाद लोकसभा सीट पर जिस अबू ताहेर खान को फिर से लोकसभा भेजने की तैयारी की जा रही है, वो सीट बांग्लादेश से सटी है और माना जाता है कि यहाँ अवैध रूप से आकर बसे बांग्लादेशियों की काफी तादात है।
अबू ताहेर खान 2018 में टीएमसी में शामिल हुआ था। और साल 2019 में वो मुर्शिदाबाद से लोकसभा सांसद बना। ताहेर खान नावोदा विधानसभा सीट पर 2001 से कॉन्ग्रेस का विधायक था और चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुका था। साल 2020 में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई(तब बैन लगाने की तैयारी चल रही थी) ने देश भर में सिटिजनशिप एमेंडमेंड एक्ट (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन आयोजित किए थे और हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया था। उसने पश्चिम बंगाल में सीएए विरोधी रैली में मुर्शिदाबाद के टीएमसी सांसद अबू ताहेर खान के आने का भी ऐलान किया था। हालाँकि अबू ताहेर खान ने सीएए का विरोध कर रहे पीएफआई के विरोध पूरे देश में चल रही पुलिसिया कार्रवाई को देखते हुए सामने से इस रैली में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
अब भी वो मीडिया रिपोर्ट्स इंटरनेट पर मौजूद हैं, जिसमें पीएफआई के पदाधिकारी ने कहा था कि अबू ताहेर खान पीएफआई की रैली में शामिल होगा।
हसीबुल इस्लाम, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI): हम मुर्शिदाबाद में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 5 जनवरी को एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेंगे। टीएमसी सांसद अबु ताहेर ख़ान भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे। #WestBengal pic.twitter.com/wRCTu2Y7eJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 2, 2020
पहले भी विवादों में घिरा रहा है ताहेर खान
अबू ताहेर खान पहले भी विवादों में घिरा रहा है। वो टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा से तनाव की वजह से सुर्खियाँ पा चुका है, तो अपनी गाड़ी से 6 साल की बच्ची को रौंदने की वजह से भी। उसने पीड़ित पर ही एक्सीडेंट का दोष मढ़ दिया था। ये घटना नवंबर 2022 की है। उसे पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी हिंसा से जुड़े मामले में सीबीआई ने पूछताछ के लिए भी बुलाया था।
मुर्शिदाबाद बांग्लादेश से सटी सीट, मुस्लिम लीग भी जीत चुकी है चुनाव, कभी हिंदू नहीं जीता
मुर्शिदाबाद लोकसभा सीट में 60 प्रतिशत से अधिक आबादी मुस्लिमों की है। ये सीट बांग्लादेश से सटी हुई है। सीमा के दूसरी ओर बांग्लादेश का राजशाही शहर पड़ता है। मुर्शिदाबाद लोकसभा सीट का इतिहास है कि यहाँ से किसी हिंदू प्रत्याशी को कभी जीत मिली ही नहीं। इस सीट पर इंडियन नेशनल मुस्लिम लीग तक जीत दर्ज कर चुकी है। अबू ताहे खान इस बार फिर से टीएमसी का कैंडिडेट है, जिसके सामने बीजेपी ने गौरी शंकर घोष को मैदान में उतारा है।