Friday, April 19, 2024
Homeराजनीति'राजनीति के लिए नेताओं ने 70 साल बनाए रखा, 370 को हटाकर देश में...

‘राजनीति के लिए नेताओं ने 70 साल बनाए रखा, 370 को हटाकर देश में समानता लाने की कोशिश की गई’

मौलाना सैफ़ अब्बास ने कहा कि अनुच्छेद-370 को पहले ही हटा दिया जाना चाहिए था। राजनीति करने वाले नेताओं ने निजी स्वार्थों के लिए 70 साल तक इसे अस्तित्व में बनाए रखा गया। अनुच्छेद-370 को हटाकर देश में एक समानता लाने की कोशिश की गई है।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का मौलाना सैफ़ अब्बास ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद-370 की वजह से एक मुल्क़ में रहते हुए भी हम अजनबी थे। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि एक हिन्दुस्तान का नागरिक अगर हिन्दुस्तान की ही दूसरी जगह पर जाकर प्रॉपर्टी नहीं ख़रीद सकते और बिज़नेस नहीं कर सकता था तो ये चीज़ें सोचने वाली हैं।

मौलाना सैफ़ अब्बास ने कहा कि अनुच्छेद-370 को पहले ही हटा दिया जाना चाहिए था। राजनीति करने वाले नेताओं ने निजी स्वार्थों के लिए 70 साल तक इसे अस्तित्व में बनाए रखा गया। अनुच्छेद-370 को हटाकर देश में एक समानता लाने की कोशिश की गई है, जिसमें किसी के साथ भेदभाद किए जाने जैसी बातों को ख़त्म कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि इस भेदभाव वाली राजनीति के ख़त्म होने से केवल उन्हीं लोगों को दु:ख होगा जो भेदभाव वाली राजनीति करते थे। मौलाना अब्बास ने यह भी कहा कि हिन्दुस्तान एक है, संविधान एक है तो सब कुछ एक होना चाहिए। आगे भी ऐसे काम होते रहने चाहिए जिससे भेदभाव ख़त्म किया जा सके जिससे देश में एकता नज़र आए।

कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए मौलाना सैफ़ अब्बास ने कहा कि देश में अगर भेदभाव होगा तो उसका नुक़सान भी देश को ही होगा। ग़ौरतलब है कि अनुच्छेद-370 को ख़त्म करने का संकल्प पेश करने के साथ ही बीजेपी में ख़ुशी का माहौल है। देश भर के लगभग हर हिस्से में ख़ुशी मनाई जा रही है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कौन थी वो राष्ट्रभक्त तिकड़ी, जो अंग्रेज कलक्टर ‘पंडित जैक्सन’ का वध कर फाँसी पर झूल गई: नासिक का वो केस, जिसने सावरकर भाइयों...

अनंत लक्ष्मण कन्हेरे, कृष्णाजी गोपाल कर्वे और विनायक नारायण देशपांडे को आज ही की तारीख यानी 19 अप्रैल 1910 को फाँसी पर लटका दिया गया था। इन तीनों ही क्रांतिकारियों की उम्र उस समय 18 से 20 वर्ष के बीच थी।

भारत विरोधी और इस्लामी प्रोपगेंडा से भरी है पाकिस्तानी ‘पत्रकार’ की डॉक्यूमेंट्री… मोहम्मद जुबैर और कॉन्ग्रेसी इकोसिस्टम प्रचार में जुटा

फेसबुक पर शहजाद हमीद अहमद भारतीय क्रिकेट टीम को 'Pussy Cat) कहते हुए देखा जा चुका है, तो साल 2022 में ब्रिटेन के लीचेस्टर में हुए हिंदू विरोधी दंगों को ये इस्लामिक नजरिए से आगे बढ़ाते हुए भी दिख चुका है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe