सावरकर पर कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गॉंधी के बयान से शुरू हुई सियासी लड़ाई में बसपा सुप्रीमो मायावती की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने कहा है कि शिवसेना अपने मूल एजेंडे पर कायम है। नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) का समर्थन कर भी उसने यह संदेश दिया था। अब सावरकर पर भी उसने साफ कर दिया है कि उसे कॉन्ग्रेस का रुख बर्दाश्त नहीं है। ऐसे में उसके साथ कॉन्ग्रेस का बना रहना नौटंकी के सिवा कुछ नहीं है।
इधर, शरद पवार की पार्टी एनसीपी राहुल गॉंधी के बचाव में आगे आई है। एनसीपी नेता और उद्धव ठाकरे के कैबिनेट सहयोगी छगन भुजबल ने कहा है कि जरूरी नहीं है कि हरेक व्यक्ति सभी बातों से सहमत ही हो। सावरकर को लेकर राहुल गॉंधी के अपने विचार हैं। भुजबल ने कहा कि सावरकर गाय को माता नहीं मानते थे, लेकिन बीजेपी मानती है। वहीं, शरद पवार के भतीजे और पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने उम्मीद जताई है कि सोनिया गॉंधी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार मिलकर इसका समाधान खोज लेंगे।
Chhagan Bhujbal, NCP: When it comes to big personalities, not everyone agrees on everything. Rahul ji has his own thoughts about Savarkar. Savarkar had said cow is not our mother but BJP says it is. Savarkar’s thought was also ‘gyanvadi’ but can BJP accept it? They can’t. pic.twitter.com/xXwgOzHdZ5
— ANI (@ANI) December 15, 2019
महाराष्ट्र में शिवसेना, कॉन्ग्रेस और एनसीपी के महाविकास अघाड़ी की सरकार चल रही है। इसके मुखिया शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे हैं। लेकिन, सरकार गठन के बाद से ही तीनों दलों के मतभेद जाहिर होते रहे हैं। इसके कारण साथ लेने वाले मंत्रियों को विभाग बॉंटने में उद्धव को करीब 15 दिन लग गए थे।
Ajit Pawar, Nationalist Congress Party (NCP) on being asked if Savarkar issue will affect ‘Maha Vikas Aghadi’ (NCP-Congress-Shiv Sena) alliance in Maharashtra: Uddhav ji, Sonia ji, and Pawar sahab are mature people, they will make the right call. pic.twitter.com/J2LP9N5orm
— ANI (@ANI) December 15, 2019
लोकसभा में जब शिवसेना ने कैब का समर्थन किया था तो कॉन्ग्रेस ने इसको लेकर आपत्ति जताई थी। इसके बाद राज्यसभा में शिवसेना ने इस बिल पर मतदान के दौरान वॉक आउट कर अप्रत्यक्ष तौर पर सरकार का समर्थन किया था। अब सावरकर को लेकर दोनों पार्टियॉं आमने-सामने हैं। कॉन्ग्रेस की दुविधा देखते हुए मायावती ने उसे अपनी स्थिति स्पष्ट करने की चुनौती दी है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा है, “शिवसेना अपने मूल एजेंडे पर अभी भी कायम है। उसने नागरिकता संशोधन बिल पर केंद्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कॉन्ग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है। किन्तु फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है। यह कॉन्ग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?”
1. शिवसेना अपने मूल एजेण्डे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है।
— Mayawati (@Mayawati) December 15, 2019
2. किन्तु फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?
— Mayawati (@Mayawati) December 15, 2019
उन्होंने कहा है, “कॉन्ग्रेस को इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। वरना यह अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बॉंटने की उसकी कोरी नाटकबाजी ही मानी जाएगी।” इससे पहले सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा है कि इस बयान के लिए उद्धव ठाकरे को राहुल गॉंधी की सार्वजनिक रूप से पिटाई करनी चाहिए।
3. अतः इनको, इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिये। वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी।
— Mayawati (@Mayawati) December 15, 2019
गौरतलब है कि राहुल गॉंधी ने सावरकर को लेकर टिप्पणी शनिवार (दिसंबर 14, 2019) को रामलीला मैदान में कॉन्ग्रेस की रैली के दौरान की थी। ‘रेप इन इंडिया’ वाली टिप्पणी के लिए भाजपा की माफी की मॉंग पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘संसद में शुक्रवार को भाजपा के लोगों ने कहा कि मैं अपने भाषण के लिए माफी मॉंगूॅं। मुझे कहते हैं कि सही बात बोलने के लिए माफी मॉंगो। मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है, मेरा नाम राहुल गॉंधी है। मैं सच्चाई के लिए कभी माफी नहीं मॉंगूॅंगा। मर जाऊँगा मगर माफी नहीं मॉंगूॅंगा और न कोई कॉन्ग्रेस वाला माफी मॉंगेगा।’’
इसके बाद से ही वे भाजपा और शिवसेना के निशाने पर हैं। दोनों दलों के सुर एक जैसे हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने सावरकर को देश का आदर्श बताते हुए कहा था कि इस पर कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने सावरकर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता की पंक्तियॉं “सावरकर माने तेज, सावरकर माने त्याग, सावरकर माने तप, सावरकर माने तत्व” भी ट्वीट की है।
विर सावरकर हे महाराष्ट्राचेच नव्हे तर देशाचे दैवत आहे.
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) December 14, 2019
सावरकर नावात राष्ट्राभिमान आणि स्वाभिमान आहे. नेहरू ,गांधी यांच्या प्रमाणेच सावरकर यांनी स्वातंत्र्यासाठी जीवनाचा होम केला. अशा प्रत्येक दैवताचा सन्मान करायला हवा.इथे तडजोड नाहीत.
जय हिंद
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गॉंधी के बयान को शर्मनाक बताया है। भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्ह राव ने कहा है, “राहुल गॉंधी के लिए अधिक उपयुक्त नाम ‘राहुल जिन्ना’ है। मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति और सोच उन्हें मोहम्मद अली जिन्ना का वारिस बनाती है, सावरकर का नहीं।’’ भाजपा और शिवसेना के एक सुर में बोलने के बाद से दोनों दलों के फिर से साथ आने को लेकर अटकलें लगनी भी शुरू हो गई है। बीते दिनों शिवसेना के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने इसके संकेत भी दिए थे।
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