Saturday, July 27, 2024
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आतंकियों से संबंध का जिस पर है आरोप, जो हो चुका है इसी कारण गिरफ्तार… उसके घर गईं महबूबा मुफ्ती

जम्मू कश्मीर में हो रहे DDC चुनाव में भी 'गुपकार गैंग' ने उस वहीद को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिसे राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने आतंकियों के साथ सम्बन्ध के आरोपों में गिरफ्तार किया। वहीद ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान आतंकियों की मदद...

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती खुल कर उन लोगों का समर्थन कर रही हैं, जिन पर आतंकियों के साथ सम्बन्ध के आरोप हैं। अब वो शनिवार (दिसंबर 5, 2020) को अपनी बेटी इल्तिजा मुफ़्ती के साथ वहीद उर रहमान पारा के घर पहुँचीं। वहीद उर रहमान पारा उनकी पार्टी PDP की युवा शाखा के अध्यक्ष हैं। उन्हें हाल ही में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने आतंकियों के साथ सम्बन्ध के आरोपों में गिरफ्तार किया।

जम्मू कश्मीर में हो रहे DDC चुनाव में भी ‘गुपकार गैंग’ ने वहीद को अपना उम्मीदवार बनाया है। महबूबा मुफ़्ती उनके घर पर लगभग आधे घंटे तक रहीं और परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान PDP के कई नेता और स्थानीय कार्यकर्ता भी उनके साथ रहे। महबूबा मुफ़्ती ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वो वहीद की जीत सुनिश्चित करें। हालाँकि, उन्होंने वहाँ मौजूद मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया।

महबूबा मुफ़्ती ने इससे पहले शुक्रवार (नवंबर 27, 2020) को पुलवामा जाने का प्रयास किया था, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई। वाहिद उर रहमान पारा को NIA पूछताछ के लिए दिल्ली लेकर गई थी, जहाँ उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप है कि वहीद ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान आतंकियों की मदद ली थी। गिरफ्तार निलंबीर DSP देवेंद्र सिंह से भी उनके सम्बन्ध सामने आए थे।

NIA द्वारा गिरफ्तार हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों नवीद बाबू और इरफान शफी मीर से पूछताछ के दौरान पता चला था कि इनके वहीद के साथ सम्बन्ध हैं। जब संसद में अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने वाला विधेयक पेश किया गया था, तब सुरक्षा कारणों से हिरासत में लिए गए नेताओं में वहीद भी शामिल थे। उन्हें फ़रवरी 2020 में रिलीज किया गया था। इसके बाद 2 महीनों तक उन्हें हाउस अरेस्ट में रखा गया था।

हालाँकि, वाहिद को जिस मामले में गिरफ्तार किया गया है, वो 2018 का है। इसीलिए, स्पष्ट हो जाना चाहिए कि ये उनके हिरासत में रहने की अवधि के दौरान का कोई मामला नहीं है। महबूबा मुफ़्ती का कहना है कि ये आरोप गलत हैं और PDP सहित जम्मू कश्मीर की मुख्यधारा की अन्य राजनीतिक पार्टियों को धमकाने और उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए ये कार्रवाई की गई है। उन्होंने न्यायपालिका से वहीद की रिहाई की माँग की।

PDP ने आरोप लगाया है कि वहीद का क्षेत्र पुलवामा रहा है और वो वहीं से DDC के चुनाव में उतरे थे। पार्टी ने भाजपा पर राज्य की राजनीतिक प्रक्रिया को क्षति पहुँचाने का आरोप लगाया। पार्टी ने इसके लिए RSS तक को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि नई दिल्ली उनकी ‘आवाज़ दबाने की कोशिश’ कर रहा है। वाहिद लम्बे समय से अनुच्छेद-370 के समर्थक रहे हैं और सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं।

हाल ही में रोशनी लैंड स्कैम में भी जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP की मुखिया महबूबा मुफ्ती का नाम सामने आया। ये लैंड स्कैम अपने-आप में प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है। गरीबों को शासित जमीन मुहैया कराने और प्रदेश में बिजली लाने के लिए जिस कानून को बनाया गया था, जम्मू कश्मीर के नेताओं ने उसका जम कर फायदा उठाया और अकूत धन-संपत्ति अर्जित की। जबकि जनता गरीब ही बनी रही।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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