पश्चिम बंगाल में कल (10 दिसंबर 2020) भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफ़िले पर पथराव हुआ था। यह घटना बंगाल पुलिस की मौजूदगी में हुई थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव को 14 दिसंबर को तलब किया है। इनसे सुरक्षा में चूक के बाबत जानकारी माँगी जा सकती है।
दोनों शीर्ष अधिकारियों से सुरक्षा में चूक के बाबत जानकारी माँगी जा सकती है। साथ ही यह भी पूछा जाएगा कि प्रदेश में जारी सिलसिलेवार राजनीतिक हिंसाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए गए। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी केंद्र को इस संबंध में रिपोर्ट सौंपी है। वहीं ममता सरकार के मंत्रियों की इस घटना गैर ज़िम्मेदाराना बयानबाजी जारी है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गृह मंत्री अमित शाह भी अगले हफ्ते पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर जाएँगे। गृह मंत्री 19 दिसंबर को कोलकाता पहुँचेंगे। पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के काफ़िले पर हुए हमले के बाद इस दो दिवसीय दौरे को बेहद अहम माना जा रहा है।
इस बीच राज्यपाल ने भी पश्चिम बंगाल की मौजूदा क़ानून-व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि भाजपा अध्यक्ष और अन्य नेताओं की सुरक्षा में लापरवाही की गई थी। इसके अलावा उन्होंने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश की बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था और नेताओं के साथ हो रही हिंसा की घटनाओं पर भी चिंता जताई थी।
काफिले पर हुए हमले को लेकर बंगाल पुलिस ने कहा था कि किसी को कुछ नहीं हुआ है और सभी लोग सुरक्षित हैं। गौरतलब है कि गुरुवार (दिसंबर 10, 2020) को दक्षिण 24 परगना में एक कार्यक्रम के लिए डायमंड हार्बर की ओर जाते वक़्त नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था। इस हमले में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी पर ईंट फेंकी गई थी। उन्होंने वीडियो साझा करते हुए पूरी घटना की सूचना दी थी।
कैलाश विजयविर्गीय ने लिखा था, “बंगाल पुलिस को पहले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यक्रम की जानकारी दी गई थी। लेकिन एक बार फिर बंगाल पुलिस नाकाम रही। सिराकोल बस स्टैंड के पास पुलिस के सामने ही TMC के गुंडों ने हमारे कार्यकर्ताओं को मारा और मेरी गाड़ी पर पथराव किया।”