Wednesday, July 16, 2025
Homeराजनीतिसीता की 'अग्निपरीक्षा' वाले स्थान पर 'रामायण' मंदिर का निर्माण करवाएगी कमलनाथ सरकार!

सीता की ‘अग्निपरीक्षा’ वाले स्थान पर ‘रामायण’ मंदिर का निर्माण करवाएगी कमलनाथ सरकार!

शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने पहली बार 2010 में बात की थी, लेकिन उसके बाद अगले 6 सालों में इस पर बहुत कम प्रगति हुई।

मध्य प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की एक योजना को मूर्त रूप देने पर विचार कर रही है। दरअसल, कमलनाथ सरकार श्री लंका के दिवुरुमपोला में एक मंदिर बनाने की योजना बना रही है। इस मंदिर का निर्माण उसी जगह पर किया जाएगा, जिसे माता सीता का अग्निपरीक्षा स्थल माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसी स्थान पर सीता ने लंका-युद्ध के बाद पहली अग्निपरीक्षा दी थी।

यहाँ पर मंदिर निर्माण के बारे में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने पहली बार 2010 में बात की थी, लेकिन उसके बाद अगले 6 सालों में इस पर बहुत कम प्रगति हुई। हालाँकि बीच में उन्होंने दावा ज़रूर किया था कि श्री लंका सरकार और केंद्र सरकार से आवश्यक मंजूरी ले ली गई है। बता दें कि जब 2013 में श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने सांची का दौरा किया था, तब शिवराज ने इस मुद्दे को फिर से उठाया था। आखिरकार 2016 में एक आधिकारिक टीम ने प्रस्तावित मंदिर के स्थल का दौरा किया था। उस समय तत्कालीन भाजपा सरकार ने तब दावा किया था कि बंगलूरू की एक कंपनी ने इसका डिजायन तैयार किया है और एक साल में निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। मंदिर की अपेक्षित लागत 12 से 14 करोड़ रुपए के बीच आँकी गई थी।

जानकारी के मुताबिक, यह प्रस्तावित मंदिर दिवुरुमपोला में स्थित बौद्ध मठ परिसर के अंदर है, जो श्रीलंका के मध्य प्रांत के शहर नुवारा इलिया से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। स्थानीय लोगों का मानना है कि सीता द्वारा धारण किए गए गहने आज भी यहाँ पर स्थापित किए गए के चबूतरे के नीचे दबे हुए हैं। 

चौहान के पूर्व प्रमुख सचिव एसके मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, लेकिन पैसा पर्यटन विभाग के पास ही रहा। इसका कभी इस्तेमाल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मठ के मुख्य पुजारी मंदिर बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार थे। लेकिन कथित तौर पर बिना आधिकारिक अनुमति के एक पुराने पेड़ को काटने के जुर्म में उन पर मामला दर्ज कर लिया गया, जिसके बाद ये काम रुक गया था। इससे पहले कि बीजेपी सरकार इस परियोजना को पुनर्जीवित कर पाती, राज्य में पार्टी की सत्ता उसके हाथ से निकल गई।

कमलनाथ सरकार के कानून और धार्मिक मामलों के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार इस परियोजना को पुनः प्रारम्भ करने के बारे में सोच तो रही है, लेकिन इससे पहले वह इसके सभी पहलुओं का अध्ययन कर लेना चाहती है। “हम पिछली सरकार की तरह केवल घोषणा करने की नौटंकी नहीं करना चाहते। हम इस पर विचार अवश्य कर रहे हैं, लेकिन घोषणा तभी करेंगे जब कुछ ठोस होगा। क्या हुआ है और क्या होना सम्भव है, मैं इस पर चर्चा कर रहा हूँ।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मैंने टलवाई मौत’- ग्रैंड मुफ्ती अबूबकर मुसलियार ने लिया निमिषा प्रिया की सजा रुकवाने का श्रेय: बोले- मैं पीड़ित परिवार को नहीं जानता, दूर...

यमन में भारतीय नर्स निमिषा की मौत की सजा टल गई है। भारतीय ग्रैंड मुफ्ती ने कहा है कि इसके लिए उन्होंने यमन के विद्वानों से बातचीत की थी।

रूस के साथ व्यापार किया तो लगेंगे कड़े प्रतिबंध: NATO का भारत-चीन-ब्राजील को अल्टीमेटम, यूक्रेन के साथ संघर्ष रोकने के लिए मॉस्को पर फूटा...

ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यूक्रेन के साथ शांति समझौता न करने पर रूस पर 100% टैरिफ और उसके साथ व्यापार करने वाले देशों पर भी प्रतिबंध लगेंगे।
- विज्ञापन -