Tuesday, May 7, 2024
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‘कुंभ से लौटने वाले प्रसाद की तरह बाँटेंगे कोरोना… मुंबई के 95% लोग रूल्स को फॉलो करने वाले’ – BMC मेयर

"पिछले साल जैसे तबलीगी जमात के कारण स्थिति बिगड़ी, वैसे ही अब कुम्भ से लौटने वाले अपने-अपने राज्य में कोरोना को प्रसाद की तरह बाँटेंगे। उन्हें उन्हीं के पैसों पर क्वारंटाइन करवाया जाना चाहिए।"

महाराष्ट्र में यदि कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है तो उसमें मुंबई की एक अहम भूमिका है। कल महाराष्ट्र से कुल 63 हजार से ज्यादा कोरोना केस आए। इनमें से 8,839 सिर्फ़ मुंबई से थे। पिछले दिनों आई कुछ मीडिया रिपोर्ट्स को देखें तो पता चलता है कि 10-12 हजार रुपए में बीएमसी ने न केवल मुंबई एयरपोर्ट से बाहरी यात्रियों को नियम उल्लंघन करवा कर मुंबई में प्रवेश दिया बल्कि 300-500 रुपए में मुंबई वासियों को फर्जी रिपोर्ट के साथ दूसरे प्रदेश में भेजने का काम भी हुआ।

मुंबई की ऐसी गंभीर स्थिति है, फिर भी यहाँ इतना भ्रष्टाचार! ऐसे में मुंबई मुंबई में कोरोना पाबंदियों के मद्देनजर बीएमसी मेयर मानती हैं कि उनके क्षेत्र में 95% लोग सभी रूल्स को फॉलो कर रहे हैं जबकि सिर्फ़ 5 प्रतिशत ऐसे हैं, जो नियमों का उल्लंघन कर स्थिति बिगाड़ रहे हैं। 

मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कुंभ को लेकर भी कहती हैं कि पिछले साल जैसे तबलीगी जमात के कारण स्थिति बिगड़ी, वैसे ही अब कुम्भ से लौटने वाले अपने-अपने राज्य में कोरोना को प्रसाद की तरह बाँटेंगे। इसलिए उन्हें प्रवेश देने से पहले उन्हीं के पैसों पर क्वारंटाइन करवाया जाना चाहिए।

सोशल मीडिया पर मेयर की इस बात पर पूरा एक धड़ा है, जो अपनी सहमति व्यक्त कर रहा है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो मेयर पर सवाल उठा रहे हैं। सवाल केवल इसीलिए कि आखिर जो प्रदेश खुद दूसरे राज्यों की स्थिति को गंभीर बनाने में इतनी बड़ी भूमिका निभाने में लगा हो, वहाँ की मेयर कुंभ से लौटे लोगों पर कैसे इल्जाम मढ़ सकती हैं? लोगों का पूछना है कि क्या मेयर ये कहना चाहती हैं कि यदि कुंभ नहीं होता तो मुंबई में संक्रमितों की संख्या जीरो होती।

बता दें कि कोरोना से उपजी स्थिति के मद्देनजर यदि तत्परता दिखाने की बात है तो कुंभ से बिगड़ते हालातों पर कल निरंजनी अखाड़े ने 17 अप्रैल से कुंभ मेला समाप्त करने की घोषणा की। लेकिन मुंबई में क्या हो रहा है? वहाँ एक तरफ मेयर पूरे तरह लॉकडाउन की बातें कर स्थिति नियंत्रित करने को कह रही हैं और दूसरी तरफ दूसरे राज्यों में लोगों को भेजने के इंतजाम हो रहे हैं।

राज्य की स्थिति इतनी बदतर होने के बावजूद मुंबई और पुणे से बिहार के लिए 4 स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला हुआ है। इनमें मुंबई से छपरा के लिए दो और भागलपुर के लिए एक स्पेशल ट्रेन चलेगी। इसी तरह पुणे से दानापुर के लिए एक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है।

इसके बाद बसों से भी मुंबई वासियों को फर्जी रिपोर्ट दे देकर गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में भेजने का काम भी यहाँ धड़ल्ले से हो रहा है। टूर और ट्रैवल्स वाले 300-500 रुपए में कोविड 19 की नेगेटिव रिपोर्ट दे रहे हैं और यात्रियों को सारे युक्तियाँ समझाकर दूसरे राज्य भेज रहे हैं।

अब ये सवाल कि बावजूद इतनी पाबंदियों के कोरोना राज्य में कैसे बढ़ रहा है तो उसका जवाब पिछले दिनों मिड डे ने अपनी एक अन्य रिपोर्ट में बताया था। रिपोर्ट में एक स्टिंग ऑपरेशन के हवाले से समझाया गया था कि कैसे  BMC के अधिकारी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बाहरी देशों से आए लोगों को 7 दिन के अनिवार्य क्वारंटाइन में रखने की बजाय उनसे 10-12 हजार रुपए लेकर उन्हें एयरपोर्ट से निकलने में मदद कर रहे हैं, जबकि नियम कहता है कि कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश जैसे- ब्रिटेन, यूरोप, मिडिल ईस्ट और साउथ अफ्रीका, से आए यात्रियों का 7 दिन का क्वारंटाइन सुनिश्चित करें।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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