केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने मंगलवार (28 दिसंबर) को कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर उनके बेटे और भाजपा विधायक नितेश राणे को झूठे केस में फँसाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वे इससे डरने वाले नहीं हैं।
हत्या के प्रयास के एक मामले में नितेश राणे की संभावित गिरफ्तारी की अटकलों के बीच नारायण राणे महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही। नितेश राणे सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली सीट से भाजपा के विधायक हैं। उन्होंने कहा कि शिव सेना, राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (राकंपा) और कॉन्ग्रेस की गठबंधन वाली महा विकास अघाड़ी सरकार अपने नेताओं के घोटालों को छुपाने के लिए ये सब कर रही है।
राणे ने कहा कि यह साजिश सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक के चुनाव के पूर्व रची गई है, ताकि सहकारी बैंक के चुनाव में जीत हासिल कर महा विकास अघाड़ी के नेताओं द्वारा की गई अनियमिताओं को छिपाया जा सके। राणे ने सवाल किया कि सिंधुदुर्ग जिले में राज्य के पुलिस महानिदेशक समेत शीर्ष पुलिस अधिकारी क्यों डेरा डाले हुए हैं?
साल 2005 में शिवसेना छोड़ भाजपा में शामिल हुए राणे ने कहा कि नितेश राणे को भारतीय दंड विधान (IPC) की धारा 307 के तहत उनके बेटे को हत्या के प्रयास के झूठे केस में फँसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिकार्यकर्ता को कुछ चोटें आई हैं, लेकिन नितेश उस दौरान वहाँ मौजूद भी नहीं थे। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने कुछ नहीं किया है।
बता दें कि नितेश पर एक शख्स पर हत्या के प्रयास के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में याचिका भी दायर की है। दरअसल, संतोष परब नाम के एक व्यक्ति ने नितेश के खिलाफ हमले की शिकायत दर्ज कराई थी।
बता दें कि शिवसेना के नेताओं का आरोप है कि राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे को देखकर नितेश राणे ने ‘म्याऊँ… म्याऊँ…’ की आवाज निकाली थी। इसको लेकर शिवसेना के विधायक सदन में राणे को निलंबित करने की माँग कर रहे थे। सोमवार (27 दिसंबर) को राज्य के विधानसभा में शिवसेना के विधायक सुहास कांडे ने इस मुद्दे को उठाया था।