Saturday, November 16, 2024
Homeराजनीतिनेहरू के बंगले का टैक्स नहीं चुका रहे थे कॉन्ग्रेसी: 4 करोड़ के टैक्स...

नेहरू के बंगले का टैक्स नहीं चुका रहे थे कॉन्ग्रेसी: 4 करोड़ के टैक्स का नोटिस, धरे गए तो बोले ये साजिश है

आनंद भवन की ओर से पहले समय पर टैक्स चुका दिया जाता था मगर बीते कई सालों से ऐसा नहीं हुआ है जिसके चलते आनंद भवन पर करीब 2 करोड़ 71 लाख 13 हज़ार 534 रूपए का गृहकर बकाया है। इस धनराशि पर टैक्स लगने के बाद यह बढ़कर चार करोड़ 19 लाख 57 हज़ार 495 रूपए हो गई है।

नेहरू-गाँधी खानदान का पैतृक घर आनंद भवन इन दिनों गृह-कर न भरने के चलते सरकार के निशाने पर है। प्रयागराज स्थित इस घर को नगर निगम की ओर से चार करोड़ 19 लाख रूपए के बकाया टैक्स पर नोटिस भेजा गया है। एक ज़माने में यही आनंद भवन मोतीलाल नेहरू का बंगला हुआ करता था। निगम ने यह नोटिस आनंद भवन-स्वराज भवन के कमर्शियल उपयोग की वजह से भेजा है। दरअसल यह परिसर अब एक घर नहीं बल्कि एक पर्यटन स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

दूसरी ओर इस कार्रवाई पर कॉन्ग्रेसियों ने भी मोर्चा खोल लिया है। इस फैसले के जवाब में कॉन्ग्रेस पार्टी ने कहा है कि इस हिसाब से तो साबरमती ट्रस्ट और संसद पर भी टैक्स लगाया जाना चाहिए। इस मामले में आनंद भवन का रखरखाव करने वाले फंड के सचिव बाला कृष्णन ने मेयर को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधि कामर्शियल नहीं हो सकती है। उन्होंने हाउस टैक्स का मूल्यांकन गलत होने की बात कही है। वहीं इस मुद्दे पर कॉन्ग्रेस नेता बाबा अभय अवस्थी ने योगी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने इसे सियासी साजिश बताया।

जबकि नगर निगम का कहना है कि आनंद भवन की ओर से पहले समय पर टैक्स चुका दिया जाता था मगर बीते कई सालों से ऐसा नहीं हुआ है जिसके चलते आनंद भवन पर करीब 2 करोड़ 71 लाख 13 हज़ार 534 रूपए का गृहकर बकाया है। इस धनराशि पर टैक्स लगने के बाद यह बढ़कर चार करोड़ 19 लाख 57 हज़ार 495 रूपए हो गई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक 1970 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के निर्णय के बाद आनंद भवन और स्वराज भवन को एक ट्रस्ट को सौंप दिया था। अब इस पूरे परिसर की देख-रेख जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फण्ड के तहत होती है। इस प्रांगण में बाल भवन, संग्रहालय,तारामंडल आदि शामिल हैं जिसके लिए अगन्तुकों टिकट खरीदना पड़ता है। इससे अर्जित किया जाने वाला पैसा सीधे रख-रखाव वाले फण्ड में जमा किया जाता है।

बता दें कि स्वराज भवन आनंद भवन का ही एक भाग है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मोतीलाल नेहरू ने अपनी संपत्ति का यह भाग कॉन्ग्रेस पार्टी को अपने कामकाज के लिए दे दिया था। उस वक़्त से लेकर आजतक इसे स्वराज भवन कहा जाता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -