केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़े आर्थिक सुधर की घोषणा करते हुए आज लगातार पाँचवीं प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने आपदा को अवसर में बदलने की ज़रूरत पर बल दिया था। वित्त मंत्री ने बताया कि इस आर्थिक पैकेज में लैंड, लेबर, लॉ और लिक्विडिटी पर बल दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का जिक्र किया।
मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में सरकार इस चुनौतीपूर्ण समय में योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज में किसान से लेकर मजदूरों और महिलाओं से लेकर उद्यमियों और युवाओं का भी ध्यान रखा गया है। स्वास्थ्य योजनाओं पर ख़ास ध्यान दिया गया है। उन्होंने बताया कि पूरे देश की राज्य सरकारों के माध्यम से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में चावल, गेहूँ और दाल देने के लिए योजना बनाई गई।
साथ ही 6.81 करोड़ मुफ्त रसोई गैस के सिलिंडर की व्यवस्था की गई। बताया गया कि 8.19 करोड़ किसानों के खतों में पीएम किसान योजना के तहत रुपए ट्रांसफर किए गए। यानी कुल 16,394 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए। प्रधानमंत्री जन-धन के खातों में कुल 10,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए। उन्होंने बताया कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए गाड़ियाँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। मजदूरों को घर भेजने तक हुए ख़र्चों में से 85% रेल किराया केंद्र सरकार ने दिया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने अब तक कोई कमी नहीं रखी है और संकट की घड़ी में किसी को कोई मुश्किल न आए, इसके लिए क़दम उठाया। 2.2 करोड़ निर्माण मजदूरों के खातों में भी रुपए भेजे गए। स्वास्थ्य क्षेत्र में अब तक 15,000 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। अब तक 4000 करोड़ रुपए राज्यों को दे दिया जा चुका है। टेस्टिंग लैब्स और किट्स के लिए भी फंड जारी किए गए। कोविड-19 वारियर्स के स्वास्थ्य बीमा की व्यवस्था की गई।
वित्त मंत्री ने बताया कि यूपीआई भीम की तरह आरोग्य सेतु काफ़ी सफल रहा है और कोरोना से लड़ने में इसका अहम रोल है। साथ ही डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों पर होने वाले हमलों को लेकर सख्त क़ानून बनाया गया। उन्होंने जानकारी दी कि आज भारत में रोज 3 लाख पीपीई किट्स तैयार की जा रही है। आज जिन 7 क्षेत्रों में सुधार की घोषणा की गई, वो हैं- मनरेगा, स्वास्थ्य, व्यापार, कम्पनीज एक्ट को डीक्रिमिनलाइज करना, इज ऑफ डूइंग बिजनेस, पब्लिक सेंटर एंटरप्राइजेज, राज्य सरकारों से सम्बंधित संसाधन।
‘आत्मनिर्भर भारत‘ में शिक्षा के क्षेत्र में भी ‘स्वयंप्रभा’ चैनल और दीक्षा ऐप के माध्यम से व्यवस्था की जा रही है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी कि प्रवासी मजदूरों को अनाज देने और उनकी यात्रा के लिए सरकार ने ख़र्च किए, अब उनके लिए 40,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान सरकार ने किया है। घर लौटने वाले मजदूरों को काम की कमी न हो, इसीलिए ये व्यवस्था की गई है। उन्हें मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा।
घोषणा की गई कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर एक आधारभूत ढाँचा तैयार किया जाएगी, जो महामारी की स्थिति में भी लोगों की मदद करे। साथ ही सभी जिला स्तर के अस्पतालों में संक्रमित रोगों का इलाज हो, ऐसी व्यवस्था की जाएगी ताकि आगे किसी महामारी से लड़ने की व्यवस्था हो। निरमा सीतारमण ने शोध को वृद्धि देने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यवस्था करने की बात कही।
More than ₹ 4,113 crore were released to states
— PIB in Maharashtra 🇮🇳 #MaskYourself 😷 (@PIBMumbai) May 17, 2020
Insurance cover of ₹ 50 lakh per person has been announced for healthcare workers
Epidemic Diseases Act was amended for protection of healthcare workers
– FM #NirmalaSitharaman #AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/RX4y5M5Idv
पीएम ई-विद्या के तहत ‘वन नेशन, वन नेशनल प्लेटफॉर्म’ की व्यवस्था की गई है। वर्ग एक से 12वीं तक हर कक्षा के लिए अलग टीवी चैनल का संचालन किया जाएगा। टॉप-100 यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन क्लास आयोजित करने के लिए ऑटोमेटिक अनुमति दी जाएगी। विकलांग छात्रों के लिए भी शिक्षा प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करने की बात कही गई है। वित्त मंत्रालय ने बताया कि ये सब टेक्नोलॉजी ड्रिवेन शिक्षा प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ में माध्यम और लघु परियोजनाओं पर भी जोर दिया जाएगा। उन्हें दिवालिया होने से बचाया जाएगा। इन सबके अलावा ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के लिए नई कॉर्पोरेट पॉलिसी की भी कुछ ही दिनों में रूपरेखा तैयार की जाएगी।