Tuesday, September 17, 2024
Homeराजनीति'शराब पीने वाला हिंदुस्तानी नहीं, महापापी है': बिहार के शराबबंदी कानून में ढील के...

‘शराब पीने वाला हिंदुस्तानी नहीं, महापापी है’: बिहार के शराबबंदी कानून में ढील के बाद बोले CM नीतीश कुमार

"लोग यह जानकर भी शराब का सेवन कर रहे हैं कि यह उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अगर कोई राष्ट्रपिता बापू की भावना को नहीं मानता है तो वह हिंदुस्तानी नहीं है। वो भारतीय तो है ही नहीं। काबिल भी नहीं है, वो महाअयोग्य और महापापी है।"

बिहार विधानसभा ने बुधवार (30 मार्च 2022) को निषेध एवं उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद यह कानून का रूप लेगा और तुरंत प्रभावी हो जाएगा। इस दौरान बिहार में बार-बार जहरीली शराब की घटनाओं पर आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब पीने वालों को ‘महापापी’ बताया और कहा कि जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों को राहत देने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

उन्होंने कहा, “लोग यह जानकर भी शराब का सेवन कर रहे हैं कि यह उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अगर कोई राष्ट्रपिता बापू की भावना को नहीं मानता है तो वह हिंदुस्तानी नहीं है। वो भारतीय तो है ही नहीं। काबिल भी नहीं है, वो महाअयोग्य और महापापी है।”

बता दें कि 2016 के मूल कानून में बदलाव के बाद अब शराब पीते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना देकर छोड़ने का प्रावधान किया गया है। अगर कोई शराब या मादक द्रव्य के प्रभाव में पाया जाता है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर नजदीकी कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। व्यवस्था यह रहेगी कि अवकाश या अधिकारी के स्थानांतरण की स्थिति में भी विशेष न्यायालय कार्यरत रहे। राज्य सरकार की ओर से तय जुर्माना की रकम जमा करने पर अभियुक्त को छोड़ दिया जाएगा। तत्काल जुर्माने की रकम जमा न करने की हालत में एक महीने की साधारण कैद का प्रावधान किया गया है।

संशोधन में साफ कहा गया है कि यह जरूरी नहीं है कि शराब या मादक द्रव्यों के सेवन के हरेक मामले में अभियुक्त को तुरंत जमानत मिल ही जाएगी। जुर्माने की रकम अदा कर छूट जाना किसी अभियुक्त का अधिकार नहीं होगा। अंतिम निर्णय कार्यपालक मजिस्ट्रेट करेंगे।

गौरतलब है कि हाल में बिहार के जनता दल यूनाइटेड विधायक (JDU MLA) गोपाल मंडल ने विवादित बयान देते हुुए कहा था कि शराब पीकर लोग अगर ऐसे ही मरते रहेंगे तो जनसंख्या कम होगी। पिछले दिनों बिहार में जहरीली शराब से छपरा, नालंदा समेत कई जिलों में लोगों की मौत हो चुकी है। हाल में नालंदा में हुई घटना से आठ लोगों की मौत के बाद हड़कंप मच गया था।

बता दें कि बिहार में शराब बिक्री पर पाबंदी है। इसके बावजूद बड़ी मात्रा में नकली शराब यहाँ बिक रही है। यह शराब पीने से बहुत से लोगों की मौत भी हो रही है। करीब दो महीने पहले समस्तीपुर, बेतिया और गोपालगंज में जहरीली शराब से करीब 40 लोगों की मौत हो गई थी।

15 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर नालंदा के छोटी पहाड़ी गाँव में शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर बक्सर में भी जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हुई है। यही नहीं राज्य में पिछले साल जहरीली शराब से करीब 66 लोगों की मौत हुई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

2800+ घायल, कई मरे…. लेबनान में हिज्बुल्ला सदस्यों के पेजर में एक-एक कर हुए धमाके, ईरानी राजदूत भी लपेटे में आए

लेबनान में हुए सीरियल ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत के साथ ईरानी राजदूत सहित 2800 लोग घायल हो गए हैं। हिजबुल्लाह ने इसे इजरायल का हमला बताया है

मम्मी-पापा अफजल गुरु के लिए मरते हैं, जीजा वाले चैनल ने AAP के लिए पहुँचाए ₹17 करोड़: शराब घोटाले का खुलासा होते ही हो...

सिर्फ अरविंद कुमार सिंह ही नहीं, 'इंडिया अहेड न्यूज़' चैनल के सेल्स-मार्केटिंग हेड रहे अर्जुन पांडेय का नाम भी शराब घोटाले की FIR में शामिल है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -