Friday, November 15, 2024
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‘कॉन्ग्रेस और टुकड़े-टुकड़े गैंग का एक ही एजेंडा, चीन से क्या समझौता?’: राहुल गाँधी की पार्टी ने शेयर किया भारत का खंडित नक्शा, नॉर्थ-ईस्ट को किया गायब

"कॉन्ग्रेस पार्टी बताए कि नॉर्थ-ईस्ट को भारत के मानचित्र से क्यों हटाया? जिस देश के साथ कॉन्ग्रेस पार्टी ने MOU साइन किया है क्या उस देश के दबाव में हटाया है? क्या वो नॉर्थ-ईस्ट को भारत का हिस्सा नहीं मानते?

कॉन्ग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को लेकर शेयर किए गए वीडियो पर बवाल मचा हुआ है। इस वीडियो में भारत का अधूरा नक्शा दिखाया गया है। इसको लेकर भाजपा कॉन्ग्रेस पर हमलावर है। पार्टी नेताओं का कहना है कि कॉन्ग्रेस और टुकड़े-टुकड़े गैंग का एक ही एजेंडा है। दोनों नॉर्थ-ईस्ट को अलग कर चीन को देना चाहते हैं।

दरअसल, कॉन्ग्रेस के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट्स से शनिवार (16 सितंबर, 2023) को एक एनिमेशन वीडियो शेयर किया गया। इस वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गाँधी को बात करते दिखाया गया है। साथ ही कैप्शन में लिखा, “नरेंद्र मोदी: मेरे पास ED है, पुलिस है, सत्ता है, पैसा है, दोस्त है…क्या है तुम्हारे पास? राहुल गाँधी: मेरे साथ पूरा देश है।”

इस वीडियो की शुरुआत में ही राहुल गाँधी की फोटो वाला ‘भारत का नक्शा’ दिखाई दे रहा है। लेकिन यह नक्शा अधूरा है। दरअसल, इस नक्शे में नॉर्थ ईस्ट के राज्य गायब हैं। इसको लेकर बीजेपी के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने कॉन्ग्रेस पर हमला बोला है।

कॉन्ग्रेस ने शेयर किया देश का गलत नक्शा, भाजपा ने किया पलटवार

अमित मालवीय ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, “कॉन्ग्रेस ने अपने ऑफिशियल वीडियो में कश्मीर के बाद अब पूरे नॉर्थ-ईस्ट को भारत के नक्शे से काट दिया है। क्या नॉर्थ-ईस्ट को चीन को सौंपना राहुल गाँधी द्वारा चीनियों के साथ किए गए समझौते का हिस्सा है? भारत के टुकड़े-टुकड़े करना राहुल गाँधी का अघोषित एजेंडा है। वह खरतनाक और कपटी हैं।”

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, “कॉन्ग्रेस और टुकड़े-टुकड़े गैंग का एक ही एजेंडा है। दोनों नॉर्थ-ईस्ट को काटकर क्या इसे चीन को उपहार में देना चाहते हैं? इस तरह की नापाक राजनीति भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरनाक है। राहुल गाँधी खतरनाक और कपटी हैं।”

वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी इस वीडियो को लेकर कॉन्ग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “कॉन्ग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक फोटो/वीडियो/पोस्टर्स में पहले भारत के मानचित्र से कश्मीर को गायब किया था। अब कॉन्ग्रेस द्वारा जारी इस आधिकारिक वीडियो में भारत के मानचित्र से पूरे नॉर्थ-ईस्ट को ही हटा दिया गया है।”

उन्होंने आगे लिखा, “कॉन्ग्रेस पार्टी बताए कि नॉर्थ-ईस्ट को भारत के मानचित्र से क्यों हटाया? जिस देश के साथ कॉन्ग्रेस पार्टी ने MOU साइन किया है क्या उस देश के दबाव में हटाया है? क्या वो नॉर्थ-ईस्ट को भारत का हिस्सा नहीं मानते? यह घोर आपत्तिजनक और भारत की एकता व अखण्डता को तोड़ने वाला वीडियो है। यही कॉन्ग्रेस पार्टी की मानसिकता और चाहत भी है।”

गौरतलब है कि भाजपा नेता अमित मालवीय और संबित पात्रा ने राहुल गाँधी पर चीन के साथ हुए समझौते या MOU साइन करने का आरोप लगाया है। इससे पहले भी राहुल पर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं। दरअसल, साल 2008 में कॉन्ग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गाँधी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था। इस समझौते में कॉन्ग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ने उच्च स्तरीय सूचनाओं और उनके बीच सहयोग करने की बात कही गई थी।

खास बात यह है कि इस समझौता ज्ञापन को तत्कालीन कॉन्ग्रेस पार्टी के मुख्य सचिव राहुल गाँधी ने सोनिया गाँधी की उपस्थिति में साइन किया था। जबकि चीन की ओर से इसे स्वयं वहाँ के वर्तमान प्रधानमंत्री शी जिनपिंग ने हस्ताक्षर किया था। उस समय जिनपिंग पार्टी के उपाध्यक्ष थे। 

इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से पहले सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी की शी जिंनपिंग के साथ आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए लंबी बैठक हुई थी। साल 2008 में सोनिया गाँधी अपने बेटे राहुल, बेटी प्रियंका, दामाद रॉबर्ट वाड्रा और दोनों के बच्चों को साथ लेकर ओलंपिक खेल देखने पहुँची थीं। इसके अलावा उन्होंने और राहुल गाँधी ने चीन में कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया था।

राहुल गाँधी और चीन के संबंध पर उठते रहे हैं सवाल

इस समझौते के अलावा राहुल गाँधी और चीन के संबंध साल 2017 में हुए डोकलाम विवाद के समय भी उजागर हुए थे। उस समय उन्होंने चीनी राजदूत लुओ झाओहुई के साथ बैठक की थी।  इस बैठक के संबंध में पहले तो कॉन्ग्रेस ने साफ इंकार कर दिया था। लेकिन जब चीन की एंबेसी ने खुद इसका खुलासा किया, तो कॉन्ग्रेस को इस मुद्दे पर काफी जिल्लत झेलनी पड़ी थी। यह बैठक विशेष रूप से संदिग्ध इसलिए भी थी, क्योंकि उस समय कॉन्ग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी, चीन के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध पर अपने रुख पर कायम रहते हुए भारत सरकार पर तीखे हमले कर रहे थे।

इसके बाद कैलाश मानसरोवर मामले पर चीन के नेताओं से हुई गुप्त बैठक के बारे में तो राहुल गाँधी ने खुद ही खुलासा कर दिया था। राहुल उस समय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। जिसके कारण उनका इस तरह चीन अधिकारियों व नेताओं से बैठक करने ने कई सवाल खड़े कर दिए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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