मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली को दिखाए गए सपनों की पोल अब खुलने लगी है। एक आरटीआई से मालूम चला है कि पिछले साल सीएम केजरीवाल ने जो दिल्ली में अस्पताल बनाने के वादे किए थे वो बिलकुल खोखले थे और इन्हें अब तक पूरा नहीं किया गया है।
ट्विटर यूजर अमित कुमार ने इस बाबत आरटीआई फाइल करके पूछा था कि दिल्ली में 1 जुलाई 2021 से जुलाई 2022 के बीच कितने अस्पताल बने। आरटीआई का मकसद यही था कि पता चल सके दिल्ली सरकार जनता से किए कितने वादे पूरे कर रही है। लेकिन, जवाब आने पर उनका संदेह सही निकला।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के जनसूचना अधिकारी ने आरटीआई का जवाब देते हुए बताया कि एक भी अस्पताल दिल्ली सरकार ने 1 जुलाई 2021 से जुलाई 202 के बीच में नहीं बनाए हैं।
I had filed an RTI to check the claim of @ArvindKejriwal, who said that 7 hospitals have been constructed in last six months.
— Amit Kumar (@AMIT_GUJJU) August 2, 2022
RTI reveals 0 (ZERO) hospitals have been built in last six months.👏👏 pic.twitter.com/tovW9ab632
इस आरटीआई में अमित ने तीन सवाल और किए थे। इनमें एक था कि पिछले 1 साल में दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कितने बेड और जुड़े? दूसरा ये पूछा गया था कि दिल्ली अस्पातल जिनका संचानल केजरीवाल सरकार करती है, उनमें कितनी एंबुलेंस जोड़ी गईं? तीसरा ये था कि मोहल्ला क्लिनीक में कितने मरीजों का इलाज हुआ? इन तीनों प्रश्नों को लेकर आरटीआई में कहा गया कि ये जानकारी डीजीएचएस के अस्पातल सेल के पास नहीं हैं।
आरटीआई डालने वाले अमित से ऑपइंडिया की बात
अमित शर्मा ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने कभी ऐसा राजनेता नहीं देखा जो इतना खुला झूठ बोले और कहीं उसका फैक्ट चेक भी न हो। एक पत्रकार तक ने उनके झूठ की पोल नहीं खोली। हर वादा जो उन्होंने किया वो अधूरा हैं। मगर आप कभी किसी को उनकी असफलताओं को हाईलाइट करते नहीं देखेंगे।”
अमित ने कहा, “इसीलिए मैंने निर्णय लिया है कि मैं उनके हर झूठ का पर्दाफाश करूँगा। उन्होंने हर फैक्टचेकर और अधिकांश पत्रकारों को अपने विज्ञापन देकर खरीद लिया है।”
7 अस्पतालों का वादा
बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने साल 2021 में एक कार्यक्रम में वादा किया था कि दिल्ली सरकार 7 अस्पताल बनाने जा रही है, जिनमें टोटल बेडो की कैपेसिटी 6800 होगी। उन्होंने ये भी कहा था कि ये अस्पताल 6 महीनों में बन जाएँगे।
हालाँकि इसके बाद फरवरी 2022 में टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट आई और कहा गया कि अस्पताल बनने के काम में देरी हो रही है। लेकिन इनमें एक अस्पातल 2022 के मध्य तक बन जाएगा और बाकी के 6 सितंबर तक पूरे होंगे में बनेंगे। हमने इस खबर को पढ़ने के बाद दिल्ली में हाल फिलहाल में शुरू हुए अस्पताल पर खबर ढूँढी मगर हमें कहीं ऐसी कोई खबर नहीं मिली।
जब खरीद से ज्यादा कबाड़ में बिकी एंबुलेंस
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार के हेल्थ मॉडल की पोल पहली बार नहीं खुली। पिछले ही महीने ट्विटर और फेसबुक पर एक्टिव रहे सुजीत पटेल की आरटीआई से चौंकाने वाली बात सामने आई थी। सुजीत ने पूछा था कि 2014 के बाद दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने कितनी पैसेंजर और लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस खरीदी। इसके अलावा उन्होंने ये जानना चाहा था कि तब से अब तक में कितनी एंबुलेंस कबाड़ में बेची गई।
#KejriwalExposed
— Sujit Hindustani (@geeta5579) July 2, 2021
Promise: 4000 nurses & paramedics will be made permanent
Fact: No nursing staff has been regularized in Health & Family Welfare Dept. pic.twitter.com/OgC2CqNdua
आरटीआई के जवाब में दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने कहा था कि 2014 से लेकर अप्रैल 2022 के बीच में केजरीवाल सरकार ने एक भी मरीज को लाने-ले जाने वाली एंबुलेंस नहीं खरीदी। वहीं 9 एंबुलेंस ऐसी थी जिन्हें केजरीवाल सरकार ने 23, 659 रुपए में यानी कबाड़ के दाम में बेचा।
इसी तरह 2014 से 2020 के बीच में केजरीवाल सरकार ने 10 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस खरीदी जिसमें ऑक्सीजन, आईसीयू और ईसीजी की सुविधा थीं। लेकिन इसी काल में उन्होंने इन्हीं सुविधाओं से लैस 20 एंबुलेंस को 75, 246 रुपए के रेट में बेचा भी।