प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “One Nation, One Poll” अर्थात ‘‘एक देश, एक चुनाव’’ के मुद्दे पर चर्चा के लिए सभी राजनीतिक दलों के लोकसभा और राज्यसभा में प्रतिनिधित्व करने वाले अध्यक्षों की 19 जून को एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में राष्ट्रीय पार्टियों, क्षेत्रीय पार्टियों के अध्यक्ष को शामिल होना है। ये बैठक बुधवार दोपहर 3 बजे संसद भवन की लाइब्रेरी में होगी। इस बैठक में ‘एक देश, एक चुनाव’ के अलावा कुछ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
इस बैठक में ‘वन नेशन वन पोल’ के अलावा भी कई अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। जैसे, 2022 में भारत अपनी आजादी के 75 साल पूरा कर लेगा, इसे मोदी सरकार भव्य रूप में मनाना चाहती है, जिस पर सभी दलों से चर्चा हो सकती है। साथ ही इसी साल महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती के जश्न और सदन में कामकाज के सुचारू रूप से चलने को लेकर बैठक में प्रधानमंत्री चर्चा कर सकते हैं।
चर्चा से पहले ही विपक्ष इस बैठक से किनारा करता जा रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद अन्य क्षेत्रीय दलों के प्रमुख भी बैठक का हिस्सा बनने से इनकार कर रहे हैं। यहाँ तक कि कॉन्ग्रेस ने भी बैठक में शामिल होने से मना कर दिया है। ममता के बाद बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने भी बैठक में नहीं शामिल होने से इनकार किया है। हालाँकि, इनमें से कुछ नेता बैठक में अपने प्रतिनिधियों को भेजेंगे।
मायावती ने बैठक में शामिल न होने की घोषणा करते हुए ट्वीट किया, “किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है। देश में ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात वास्तव में गरीबी, मँहगाई, बेरोजगारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलंत राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बाँटने का प्रयास व छलावा मात्र है।”
किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है। देश में ’एक देश, एक चुनाव’ की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजबारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास व छलावा मात्र है।
— Mayawati (@Mayawati) June 19, 2019
बैलेट पेपर के बजाए ईवीएम के माध्यम से चुनाव की सरकारी जिद से देश के लोकतंत्र व संविधान को असली खतरे का सामना है। ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास चिन्ताजनक स्तर तक घट गया है। ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती।
— Mayawati (@Mayawati) June 19, 2019
इससे पहले विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर अपनी रणनीति तय करने के लिए कॉन्ग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने इसपर साझा बैठक बुलाई थी, लेकिन वह रद्द हो गई है। इस बीच NCP प्रमुख शरद पवार ने बयान दिया है कि वह प्रधानमंत्री के द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होंगे।
NCP chief Sharad Pawar will attend the meeting called by Prime Minister Narendra Modi in the Parliament today. The PM will chair a meeting of heads of various political parties in both the Houses of Parliament. (file pic) pic.twitter.com/a6vcMmB21X
— ANI (@ANI) June 19, 2019
कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कॉन्ग्रेस ‘एक देश एक चुनाव’ का विरोध करेगी। इसके पीछे कॉन्ग्रेस का कहना है कि आज आप एक देश एक चुनाव की बात करेंगे, कल एक देश एक धर्म की बात होगी, फिर एक देश एक पहनावे की बात होगी।
इस बैठक में NDA के सभी घटक दल शामिल हो रहे हैं। साथ ही अगर गैर एनडीए दल की बात करें तो जगनमोहन रेड्डी, नवीन पटनायक, केसीआर की तरफ से उनके बेटे केटीआर और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी बैठक में शामिल होंगे। अरविंद केजरीवाल की जगह इस बैठक में राघव चड्डा शामिल होंगे।