महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद अब बारी झारखंड में विधानसभा चुनाव की है। दोनों राज्यों की तरह यहॉं भी विपक्षी खेमे में चुनाव से पहले भगदड़ मच गई है। एक साथ विपक्ष के 6 विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इनमें से तीन विधायक झामुमो के और दो कॉन्ग्रेस के हैं। एक अन्य विधायक नौजवान संघर्ष मोर्चा के भानु प्रताप शाही हैं।
झामुमो छोड़ने वाले विधायक हैं कुणाल षाड़ंगी, जेपी पटेल और चमारा लिंडा। वहीं, कॉन्ग्रेस से सुखदेव भगत और मनोज भगत ने भाजपा का दामन थामा है। इनके अलावा पूर्व डीजीपी डीके पांडेय और पूर्व आईएएस सुचित्रा सिन्हा ने भी भाजपा की सदस्यता ली है।
Four opposition MLAs in the #Jharkhand Assembly, including two from the Congress, joined @BJP4Jharkhand on Wednesday. #DHPoliticalTheatre | https://t.co/cDBNa1GWRx
— Deccan Herald (@DeccanHerald) October 23, 2019
राँची में महामिलन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास की मौजूदगी में सभी छह विपक्षी विधायकों ने भाजपा की औपचारिक रूप से सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान मुख्यमंत्री के अलावा नंद किशोर यादव, लक्ष्मण गिलुवा के साथ तमाम दिग्गज नेता भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
जानकारी के मुताबिक कॉन्ग्रेस और झामुमो के सभी विधायक पिछले एक महीने से भाजपा के संपर्क में थे। इस बीच कॉन्ग्रेस ने तो अपने विधायकों को रोकने की भी बहुत कोशिश की, लेकिन वह उन्हें अपने पाले में बनाए रखने में नाकाम रहे। कहा जा रहा है कि ये सभी विधायक अपनी पसंद की सीट पर चुनाव लड़ने की शर्त पर भाजपा में शामिल हुए हैं। वहीं, कुछ को यकीन है कि उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। मुमकिन है कि अब भाजपा में शामिल हुए सभी विधायक दिल्ली आएँगे और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एवं पार्टी के अन्य दिग्गज नेताओं से मुलाकात करेंगे।
प्रभात खबर के अनुसार झामुमो छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हुए जेपी पटेल ने बताया कि उन्होंने अमित शाह की पहल पर मंगल पांडे और दूसरे साथियों से बात करके तय किया है कि वे अब महागठबंधन या ठगबंधन को सबक सिखाएँगे। उन्होंने ऐलान किया कि इस बार वे भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनाएँगे। उनका कहना रहा कि राज्य में संकेत मिल रहे हैं फिर से भाजपा झंडा ही लहरेगा।