लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस पार्टी को करारी शिकस्त मिलने के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी ने 2014 की तरह एक बार फिर से अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का राग अलापा। जिसे कॉन्ग्रेस वर्किंग कमिटी द्वारा नामंजूर कर दिया गया। दरअसल, पार्टी की हार के बाद शनिवार (मई 25, 2019) को हार की वजहों का विश्लेषण करने के लिए कॉन्ग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक की गई। जिसमें तमाम दिग्गज नेता मौजूद थे। बैठक में राहुल गाँधी ने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन पार्टी की कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से उनकी पेशकश को खारिज कर दिया।
Emotional Chidambaram appeals Rahul not to resign, says cadre in South will commit suicide
— ANI Digital (@ani_digital) May 25, 2019
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इस दौरान देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम काफी भावुक हो गए। उन्होंने राहुल गाँधी से भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि वो अध्यक्ष पद न छोड़ें। अगर वो अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे, तो दक्षिण भारत के कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता आत्महत्या कर लेंगे। इस बार तमिलनाडु और केरल में कॉन्ग्रेस ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। राहुल गाँधी के वायनाड से चुनाव लड़ने के कारण वहाँ पर वाम दल के खाते में सिर्फ 1 सीट आई, जबकि कॉन्ग्रेस गठबंधन को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई।
The Congress Working Committee (CWC) Saturday unanimously rejected Rahul Gandhi’s offer to resign as party president and passed a resolution allowing Gandhi to restructure the party. | #RahulResignationStunthttps://t.co/rwcPuFQwjg
— TIMES NOW (@TimesNow) May 25, 2019
बैठक के बाद कॉन्ग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी हार स्वीकार करती है, लेकिन राहुल गाँधी ही पार्टी अध्यक्ष रहेंगे। पार्टी में बदलाव के पूरे अधिकार राहुल गाँधी को दिए गए हैं। इस बारे में राहुल गाँधी की बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा का कहना था कि जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए। वहीं, जब पार्टी के नेताओं ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी से हस्तक्षेप करने और राहुल गाँधी को इस्तीफा देने से मना करने के लिए कहा, तो उन्होंने कहा कि यह राहुल को तय करना है कि वह पद छोड़ना चाहते हैं या नहीं।