भारत में कोरोना वायरस के अब तक 151 मामले सामने आ चुके हैं। मोदी सरकार भी जनता के स्वास्थ्य व सुरक्षा को लेकर चिंतित है, जिसके तहत कई अहम घोषणाएँ की जा रही हैं। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने जानकारी दी कि अप्रैल 1, 2020 तक पीडीएस के माध्यम से दिए जाने वाले अनाज में चावल 135.8 लाख टन और गेहूँ 74.6 लाख टन की आवश्यकता है। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि कुल 210.4 लाख टन अनाज की जरूरत है जबकि अभी सरकार के पास कुल स्टॉक 646.09 लाख टन स्टॉक है। मतलब कि सरकार के पास अनाज का 435.69 लाख टन अतिरिक्त स्टॉक मौजूद है।
पासवान ने आगे बताया कि इसमें चावल 272.90 लाख टन और गेहूँ 162.79 लाख टन है। केन्द्र के सर्कुलर के मुताबिक, राज्य सरकारें एक बार में 6 महीने तक के लिए पीडीएस का अनाज ले सकती हैं। अभी पंजाब सरकार 6 महीने का और ओडिशा सरकार एक बार में 2 महीने का कोटा ले रही है। केंद्र सरकार का कहना है कि अन्य सरकारें भी चाहें तो अनाज ले सकती हैं। इस मामले में सरकार राज्यों का हाथ नहीं रोकेगी। पासवान ने बताया:
“अनाज की न कोई कमी है और न इसको लेकर कोई घबराहट है। इसके अलावा खुले बाजार में भी OMSS के माध्यम से बिक्री हो रही है, जिसमें चावल का भाव 22.50 रुपए प्रति किलो है। किसी को घबराने की ज़रूरत नहीं है।” कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते संभावित प्रतिबंध से सप्लाई बाधित होने पर गरीब लोगों को अनाज की कमी न हो, इसे देखते हुए यह फैसला लिया गया है। एक बार में ज्यादा राशन लेने की छूट दिए जाने से सेंट्रल स्टोरेज पर प्रेशर कम होगा क्योंकि कुछ मात्रा में गेहूँ खुले में रखे गए हैं।
इसमें चावल 272.90 और गेहूं 162.79 लाख टन है। केन्द्र के सर्कुलर के मुताबिक राज्य सरकारें एक बार में 6 महीने तक के लिए PDS का अनाज ले सकती हैं।अभी पंजाब सरकार 6 महीने का और ओडिशा सरकार एक बार में 2 महीने का कोटा ले रही है।अन्य सरकारें भी चाहें तो अनाज ले सकती हैं 2/3 @narendramodi
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) March 18, 2020
केंद्र ने राज्य सरकार को एडवाइजरी जारी की है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राशन दुकानों पर भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएँ। फ़िलहाल, सरकार पीडीएस सिस्टम के तहत देश भर के 5 लाख राशन दुकानों पर बेनिफिशियरी को 5 किलो सब्सिडाइज्ड अनाज प्रत्येक महीने देती है। इस पर सरकार को सालाना 1.4 लाख करोड़ रुपए का खर्च आता है। नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत राशन दुकानों के जरिए अनाज सब्सिडाइज्ड रेट पर प्रदान किए जाते हैं। 3 रुपए प्रति किलो चावल, 2 रुपए प्रति किलो गेहूँ और 1 रुपए प्रति किलो मोटे अनाज बेचीं जाती है।